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    कुमाऊं में इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ाने के लिए सर्वे, 2022 तक चलाने की है योजना

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 17 Nov 2018 07:52 PM (IST)

    उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाने की पहल तेज हो गई है। कुमाऊं की रेल लाइनों के लिए सर्वे शुरू हो चुका है। यह सर्वे दिसंबर तक पूरा हो जाना है। इसके लिए तेजी से काम चल रहा है।

    कुमाऊं में इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ाने के लिए सर्वे, 2022 तक चलाने की है योजना

    हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाने की पहल तेज हो गई है। कुमाऊं की रेल लाइनों के लिए सर्वे भी शुरू हो चुका है। यह सर्वे दिसंबर तक पूरा हो जाना है। इसके लिए तेजी से काम चल रहा है। रेलवे की 2022 तक इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाने की योजना है। इसके लिए दो महीने पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तराखंड में पर्यावरण की दृष्टि से सभी ट्रेनों को बिजली से चलाए जाने की घोषणा की थी।

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    भारतीय रेल योजना के तहत संपूर्ण रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण करने का काम चल रहा है। इसी योजना के तहत पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के तहत कुमाऊं क्षेत्र को भी शामिल कर लिया गया है। दिल्ली, लखनऊ समेत तमाम शहरों से काठगोदाम व टनकपुर तक रेल सेवा है। यहां पर डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रेनें संचालित हैं। अब रेलवे ने डीजल इंजनउत्तराखंड में इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाने की पहल तेज हो गई है। कुमाऊं की रेल लाइनों के लिए सर्वे भी शुरू हो चुका है। यह सर्वे दिसंबर तक पूरा हो जाना है। इसके लिए तेजी से काम चल रहा है। से चलने वाली इन ट्रेनों को बिजली से चलाने के एक महीने से सर्वे का काम शुरू कर दिया है। विद्युतीकरण के लिए अलग-अलग मानकों को देखा जा रहा है। बकायदा, बरेली में अलग-अलग से कार्यालय भी खोल दिया गया है।

    रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह सर्वे दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। कुछ काम शुरू हो गया है। कई कार्य होने अभी बाकी हैं। रेलवे विद्युतीकरण के लिए केंद्रीय संगठन (कोर) को तय करने हैं। निर्धारित दिशा-निर्देश के तहत काम किया जा रहा है।

    इन जगहों का किया जा रहा है सर्वे 

    मुरादाबाद से रामनगर, काशीपुर से लालकुआं, रामपुर से काठगोदाम, भोजीपुरा से लालकुआं, पीलीभीत से टनकपुर रेल लाइन

    पर्यावरण के लिए बेहतर साबित होगी यह योजना

    ट्रेनों के विद्युतीकरण किए जाने से यात्रियों के साथ विभाग व पर्यावरण को भी लाभ होगा। यात्रियों को जहां तेज रफ्तार ट्रेन की सुविधा मिलेगी, वही विभाग को भी इस बदलाव से मुनाफा होगा। साथ ही ध्वनि व धुएं के प्रदूषण से भी छुटकारा मिलेगा।

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