कार में चालते हैं ब्लोअर तो ये खबर है आपके लिए जरूरी, जरूर पढ़ें
कार में ब्लोअर का प्रयोग जानलेवा बन सकता है। ब्लोअर चलाने पर कार्बन मोनो ऑक्साइड बनती है, जो लंबे समय तक शीशे बंद रहने पर सांसों के जरिये शरीर में घुसकर जहर घोलने लगती है।
हल्द्वानी (जेएनएन) : ठंड से बचने के लिए कार में ब्लोअर का प्रयोग जानलेवा बन सकता है। ब्लोअर चलाने पर कार्बन मोनो ऑक्साइड बनती है, जो लंबे समय तक शीशे बंद रहने पर सांसों के जरिये शरीर में घुसकर जहर घोलने लगती है। ब्लोअर चलाने से कार का माइलेज भी घट जाता है।
ठंड पडऩे के साथ ही लोगों ने कारों में ब्लोअर चलाना शुरू कर दिया है। केवल सड़क दुर्घटना ही नहीं, ब्लोअर भी कार सवार यात्रियों के लिए जानलेवा बनता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि हीटर चलाने से कार में कार्बन मोनो आक्साइड बनने लगती है। अधिक समय तक शीशे नहीं खोलने पर इस विषैली गैस से दम घुटने लगता है। परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रशासन संदीप वर्मा का कहना है कि कार में ब्लोअर का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। ब्लोअर चलाते समय इसे वेंटिलेशन मोड में रखना चाहिए। जिससे बाहर से ऑक्सीजन भी कार में आती रहे और विषैली गैस बाहर निकले।
बच्चों के लिए अधिक खतरनाक ब्लोअर
वयस्कों की अपेक्षा बच्चों के फेफड़े कमजोर होते हैं। अक्सर लोग सर्दियों में ब्लोअर चलाकर बच्चों को कार में बैठाकर काम-धाम के लिए चले जाते हैं। कार से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस से बच्चों का दम घुट सकता है और उनकी जान तक जाने की संभावना हो सकती है।
अस्थमा के मरीजों को होती है परेशानी
डॉ. गौरव सिंघल, वरिष्ठ स्वांस रोग विशेषज्ञ, नीलकंठ हास्पिटल ने बताया कि कार के ब्लोअर से गर्म हवा के साथ निकलने वाली विषैली गैस सांस के मरीजों के लिए भी खतरनाक होती है। इससे अस्थमा या सांस के मरीजों को दिक्कत होने लगी है। ब्लोअर चलाते समय एहतियात बरतनी चाहिए।
ब्लोअर चलाते समय बरतें ये सावधानी
- ब्लोअर चलाते समय कार के शीशे पूरी तरह बंद न रखें
- ब्लोअर को वेंटिलेशन मोड में रखें।
- कुछ समय के अंतराल के बाद कुछ देर के लिए ब्लोअर बंद कर लें।
- ब्लोअर चलाकर बच्चों को कार में बंद कर न जाएं।
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