सिपाही व दारोगा ने फोन पर डीआइजी से पूछा, कौन डीआइजी, कहां के डीआइजी और हो गए लाइन हाजिर
डीआइजी जगत राम जोशी से फोन पर मसखरी करना मल्लीताल कोतवाली के एक दारोगा व सिपाही को भारी पड़ गया।
हल्द्वानी, जेएनएन : डीआइजी जगत राम जोशी से फोन पर मसखरी करना मल्लीताल कोतवाली के एक दारोगा और सिपाही को भारी पड़ गया। फोन पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने पर डीआइजी ने दोनों को लाइनहाजिर कर दिया है। वहीं दारोगा के निलंबन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। यह बात महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है।
मामले की गंभीरता को नहीं समझ सके दरोगा जी
सोमवार दोपहर एक महिला ने डीआइजी जगत राम जोशी को फोन किया। उसने बताया कि पुलिस चेकिंग कर रही है सर, कुछ कागज घर पर भूल गई हूं। दरोगा साहब चालान काटने की बात कर रहे हैं। डीआइजी ने महिला से चेकिंग पर तैनात जवान से बात कराने के लिए कहा। महिला ने सिपाही विनोद यादव को फोन देकर डीआइजी से बात करने के लिए कहा। सिपाही ने इस बात को गंभीरता से लेने की बजाए हल्के में ले लिया। उसने फोन पर डीआइजी से मसखरी शुरू कर दी। वह डीआइजी से 'कौन डीआइजी, कहां के डीआइजी' जैसे सवाल पूछने लगा। ऐसी भाषा सुनकर डीआइजी सन्न रह गए। उन्हें पहले लगा कि किसी दूसरे राज्य की पुलिस या अन्य विभाग के कर्मचारी से महिला बात करा रही है। उनके पूछने पर सिपाही ने मल्लीताल थाना होने की जानकारी दी।
सिपाही और दरोगा दोनों लाइन हाजिर
डीआइजी ने दारोगा से बात कराने के लिए कहा। दारोगा दीपक बिष्ट भी डीआइजी से इसी अंदाज में बात कर उल्टा सवाल दागने लगा। इससे डीआइजी का पारा चढ़ गया। उन्होंने तत्काल मल्लीताल के इंस्पेक्टर को फोन मिलाया और चेकिंग में तैनात दारोगा व सिपाही की जानकारी देने के निर्देश दिए। इसके बाद डीआइजी ने दारोगा दीपक बिष्ट व सिपाही विनोद यादव को लाइनहाजिर करने का फरमान जारी कर दिया। इसके साथ ही दारोगा के निलंबन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। वहीं डीआइजी के साथ दारोगा व सिपाही का व्यवहार व भाषाशैली पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बनी रही।
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