Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शटलर लक्ष्य सेन ऑल इंग्लैंड सुपर सीरीज में दिखाएंगे दम, ओलंपिक क्‍वालीफाई करने की हसरत

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 09 Mar 2020 11:15 AM (IST)

    उत्‍तराखंड के उभरते शटलर लक्ष्य सेन 11 मार्च से 15 मार्च तक बर्मिंघम (इंग्लैंड) में आयोजित होने वाली ऑल इंग्लैंड सुपर सीरीज-1000 में अपना दम दिखाएंगे।

    शटलर लक्ष्य सेन ऑल इंग्लैंड सुपर सीरीज में दिखाएंगे दम, ओलंपिक क्‍वालीफाई करने की हसरत

    अल्मोड़ा, जेएनएन : उत्‍तराखंड के उभरते शटलर लक्ष्य सेन 11 मार्च से 15 मार्च तक बर्मिंघम (इंग्लैंड) में आयोजित होने वाली ऑल इंग्लैंड सुपर सीरीज-1000 में अपना दम दिखाएंगे। वह उत्तराखंड से बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरीज 1000 स्तर की अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाले पहले खिलाड़ी बने हैं। इस चैंपियनशिप में लक्ष्य के अलावा किदांबी श्रीकांत, साईं प्रणीत बी, एचएस प्रणय, शुभांकर डे, पारुपल्ली कश्यप, सौरभ वर्मा, समीर वर्मा भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पूर्व नेशनल बैडमिंटन कोच विमल कुमार इस टूर्नामेंट में लक्ष्य के कोच बनकर जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टॉप 20 में जगह बनाना लक्ष्‍य का लक्ष्‍य

    उनका अगला लक्ष्य ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में पदक जीतने के साथ-साथ टॉप-20 में अपना स्थान बनाना तथा देश के लिए ओलंपिक-2020 खेलना है। लक्ष्य ने 2019 में दो सुपर सीरीज-100, समेत पांच अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना कब्जा जमाया है। हाल में उन्होंने फिलीपींस में आयोजित एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में विश्व नंबर सात इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी (एशियन गेम्स चैंपियन) को 21-18,22-20 से पराजित किया था।लक्ष्य के सीरीज-1000 के लिए चयनित होने पर उत्तराखंड बैडमिंटन संघ के मुख्य संरक्षक अशोक कुमार, जिलाधिकारी नितिन भदौरिया, अध्यक्ष डॉ. अलकनंदा अशोक, सचिव बीएस मनकोटी सहित समस्त पदाधिकारी, बैडमिंटन परिवार अल्मोड़ा, गणमान्य लोगों तथा खेल प्रेमियों ने खुशी जाहिर करते हुए उनके अच्छे प्रदर्शन हेतु शुभकामनाएं दी हैं।

    लक्ष्य के बड़े भाई चिराग भी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी

    क्ष्य को बैडमिंटन विरासत में मिली है। लक्ष्य ने अपने दादा, पिता तथा बड़े भाई चिराग को बैडमिंटन खेलते देखकर कम उम्र में ही कोर्ट में जाना शुरू कर दिया था। उनके दादा स्व. सीएल सेन वैटरन में राष्ट्रीय स्तर के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। पिता डीके सेन भारतीय खेल प्राधिकरण के पूर्व कोच और अंतरराष्ट्रीय वैटरन बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं। वह प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी बंगलूरू में प्रशिक्षण दे रहे हैं। लक्ष्य के बड़े भाई चिराग भी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।

    दस वर्ष की उम्र में बन गए थे चैंपियन

    वर्ष 2009 में गुंटूर (आंध्र प्रदेश) में आयोजित सब जूनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप के अंडर 10 आयु वर्ग में लक्ष्य चैंपियन बन गए थे। 2010 में चंडीगढ़ में आयोजित ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग टूर्नामेंट में खेलते समय प्रकाश पादुकोण की नजर उन पर पड़ी। उनके खेल से प्रभावित होकर उन्होंने लक्ष्य को अपनी अकादमी बंगलूरू में प्रशिक्षण के लिए बुलाया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह अंडर-13, अंडर-17 आयु वर्ग के साथ ही जूनियर वर्ग में भी नेशनल चैंपियन रहे हैं।

    2017 में विश्व जूनियर नंबर एक बन चुके हैं

    लक्ष्य 2017 में विश्व जूनियर नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं। 2016 में उनके बड़े भाई चिराग भी विश्व जूनियर नंबर दो रह चुके हैं। 2018 (जकार्ता) में भारत के गौतम ठक्कर (1965) के बाद लक्ष्य दूसरे जूनियर एशियन चैंपियन बने। 2018 में युवा ओलंपिक (अर्जेंटीना) में रजत पदक, विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं।

    यह भी पढ़ें : मुक्तेश्वर के छोटे से गांव से निकली पूनम राना ने माउंटेन बाइकिंग में हासिल किया मुकाम

    यह भी पढ़ें : पति की मौत के बाद ससुरालियों ने जमीन के लिए कश्‍मीरी देवी का जला दिया था घर, आज तीनों बेटे हैं अफसर