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    मुक्तेश्वर के छोटे से गांव से निकली पूनम राना ने माउंटेन बाइकिंग में हासिल किया मुकाम

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 08 Mar 2020 12:10 PM (IST)

    हौसला बुलंद हो तो मुश्किल राह भी आसान हो जाती है। मुक्तेश्वर के शीतला गांव की पूनम राना बुलंद हौसले की दम पर माउंटेन बाइकिंग में पहचान कायम करने में सफल रहीं।

    मुक्तेश्वर के छोटे से गांव से निकली पूनम राना ने माउंटेन बाइकिंग में हासिल किया मुकाम

    हल्द्वानी, गणेश पांडे : हौसला बुलंद हो तो मुश्किल राह भी आसान हो जाती है। मुक्तेश्वर के शीतला गांव की पूनम राना बुलंद हौसले की दम पर माउंटेन बाइकिंग में पहचान कायम करने में सफल रहीं। 2016 में पूनम ने पिथौरागढ़ के नाभीढांग से दिल्ली का 1006 किमी सफर साइकिल से तय किया। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का पैगाम देने के लिए एसएसबी ने साइकिल अभियान का आयोजन किया था। बीहड़ अभियान के लिए पूनम माउंटेन बाइक को कंधे पर लादकर ऊँ पर्वत की तलहटी पर स्थित नाभीढांग पहुंची थीं।

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    कइ बार पूनम ने किया कमाल

    सामाजिक चेतना के इस अभियान ने पूनम को प्रोत्साहित करने का काम किया। 2017 में एमटीबी हिमालया इंटरनेशनल की इंडियन केटेगरी में वह पहले स्थान पर रहीं। इसी साल एमटीबी अरुणांचल इंटरनेशनल में तीसरे स्थान हासिल किया। 2017 में ही एमटीबी शिमला इंटरनेशनल में पूनम ने ओवरआल सेकेंड रैंक हासिल की। सिलसिला आगे बढ़ा और 2018 में पूनम ने एमटीबी नेशनल के क्ससीओ व एक्ससीटी केटेगरी में स्वर्ण पदक जीता। इसी साल एमटीबी अरुणांचल इंटरनेशनल में ओवरऑल दूसरा स्थान प्राप्त किया।

    अवसर मिलने पर खुद को साबित करती हैं बेटियां

    कामयाबी को नया आयाम देते हुए पूनम ने एमटीबी केरल 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कांस्य हासिल किया। एमटीबी नेशनल चैंपियनशिप 2019-20 में पूनम ने एक्ससीटी व एक्ससीओ केटेगरी में स्वर्ण झटका। पिछले माह फरवरी में नैनीताल में हुई 16वीं नेशनल माउंटेन बाइकिंग चैंपियनशिप में पूनम राना ने दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए। पूनम कहती हैं अवसर दिए जाएं तो बेटियों के लिए कोई राह मुश्किल नहीं है।

    तीन घंटे करती हैं अभ्यास

    करीब दो साल पहले पूनम की शादी भारतीय सेना में सेवारत भूपाल सिंह खोलिया से हुई। परिजनों के बाद पति व ससुराल वालों से भी पूनम को प्रोत्साहन मिलता है। पूनम घरेलू जिम्मेदारी निभाने हुए रोज तीन घंटे अभ्यास करती हैं। वर्तमान में हल्द्वानी में रहती हैं।

    भाई से हुई प्रेरित

    पूनम राणा खोलिया के पिता ध्यान सिंह राना सेना से रिटायर्ड व मां कुंती देवी गृहणी हैं। पूनम की शुरुआती शिक्षा मुक्तेश्वर के जीआईसी प्यूड़ा से हुई। भाई कमलेश राना से प्रेरित होकर पूनम ने माउंटेन बाइकिंग का शौक जगा। कमलेश भी माउंटेन बाइकिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। दोनों बचपन से साथ में साइक्लिंग करते थे।

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