Move to Jagran APP

उत्तराखंड में आबादी नहीं भौगोलिक आधार पर हो परिसीमन, याचिका निस्‍तारित ninital news

पहाड़ से बढ़ते पलायन के बीच 2022 में प्रस्तावित उत्तराखंड विधानसभा सीटों का परिसीमन जनसंख्या के बजाय भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर करने की मांग उठने लगी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 12:08 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 12:08 PM (IST)
उत्तराखंड में आबादी नहीं भौगोलिक आधार पर हो परिसीमन, याचिका निस्‍तारित ninital news
उत्तराखंड में आबादी नहीं भौगोलिक आधार पर हो परिसीमन, याचिका निस्‍तारित ninital news

नैनीताल, जेएनएन : पहाड़ से बढ़ते पलायन के बीच 2022 में प्रस्तावित उत्तराखंड विधानसभा सीटों का परिसीमन जनसंख्या के बजाय भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर करने की मांग उठने लगी है। जनसंख्या के बजाय भौगोलिक क्षेत्रफल के अनुसार परिसीमन करने की मांग वाली जनहित याचिका को हाई कोर्ट ने निस्तारित कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को प्रत्यावेदन सरकार को देने और सरकार को इस पर निर्णय लेने को कहा है। 

loksabha election banner

राज्य आंदोलनकारी पीसी जोशी ने याचिका दायर की थी याचिका

उक्रांद नेता व रामनगर के प्रमुख राज्य आंदोलनकारी पीसी जोशी ने याचिका दायर कर कहा है कि राज्य के पहाड़ी हिस्सों से लगातार हो रहे पलायन से जनसंख्या का घनत्व कम हो रहा है। जिसके चलते पहाड़ में विधानसभा की सीटें कम हो रही हैं। याचिका में कहा गया है कि पहाड़ की सीटें कम होने से विधानसभा में पहाड़ के मुद्दों की पैरवी कम हो जाएगी। याचिका में पहाड़ों से पलायन रोकने व पर्वतीय क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार राज्य मेें एक लाख की आबादी पर विधानसभा सीटों का निर्धारण किया गया है। नौ पर्वतीय जिलों के 40353 वर्ग किमी क्षेत्रफल में 40 विधानसभा सीटें व चार मैदानी जिलों के 12214 वर्ग किमी क्षेत्रफल में 30 सीटें हैं।

याचिका में पलायन आयोग की रिपोर्ट का हवाला

जब 2002 में परिसीमन हुआ तो आबादी घटने की वजह से पहाड़ के नौ जिलों की विधानसभा सीटें 40 से घटकर 34 जबकि मैदान की 30 से बढ़कर 36 हो गई। जनहित याचिका में अविभाजित उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रमाशंकर कौशिक की अध्यक्षता में बनी समिति की सिफारिशें लागू करने की मांग की गई है। याचिका में पलायन आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें पहाड़ से लगातार हो रहे पलायन का जिक्र है। समिति ने सिफारिशों में पर्वतीय जिलों को नए राज्य में फोकस किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को प्रत्यावेदन सरकार देने के निर्देश दिए।

पलायन आयोग भी जता चुका है चिंता

2011 की जनगणना में राज्य के पौड़ी गढ़वाल व अल्मोड़ा जिले में बड़ी संख्या में पलायन होने की तस्वीर उजागर हो चुकी है। पलायन आयोग भी पहाड़ से हो रहे पलायन को लेकर चिंताजनक तस्वीर पेश करती रिपोर्ट जारी कर चुका है। ऐसे में अब यह मुद्दा फिर जोर पकड़ सकता है। 

यह भी पढ़ें : हिंदू जागरण मंच की युवा वाहिनी का प्रदेश उपाध्यक्ष तीन साल तक महिला से करता रहा दुष्‍कर्म

यह भी पढ़ें : रुद्रपुर में पार्क में मासूम का अपहरण, 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने बरामद किया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.