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corona : कैलास मानसरोवर यात्रा पर कोरोना का साया, अब तक नहीं हुई विदेश मंत्रालय की बैठक

उत्‍तराखंड में लिपुलेख दर्रे से होने वाली प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा पर पर कोरोना वायरस का साया पड़ गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 08:53 AM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 08:53 AM (IST)
corona : कैलास मानसरोवर यात्रा पर कोरोना का साया, अब तक नहीं हुई विदेश मंत्रालय की बैठक

नैनीताल, किशोर जोशी : उत्‍तराखंड में लिपुलेख दर्रे से होने वाली प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा पर पर कोरोना वायरस का साया पड़ गया है। चीन समेत दुनिया के तमाम देशों में कोरोना महामारी को लेकर मचे हड़कंप को देखते हुए यात्रा होगी या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। यात्रा संचालक कुमाऊं मंडल विकास निगम प्रबंधन की निगाहें भी यात्रा तैयारी बैठक को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर हैं। फिलहाल उधर से इस संदर्भ में कोई दिशान निर्देश नहीं मिला है।

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अब तक शुरू हो जाया करती थीं तैयारियां

दरअसल जून माह में शुरू होने वाली प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा तैयारियों को लेकर विदेश मंत्रालय द्वारा हर साल केएमवीएन, आइटीबीपी, पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करता रहा है। इसी बैठक में जत्थों व यात्रियों की संख्या, यात्रा के रूट समेत अन्य व्यवस्थाओं को लेकर अहम निर्णय लिए जाते हैं। इस बैठक के बाद ही विदेश मंत्रालय द्वारा यात्रा पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किए जाते हैं। लेकिन इस बार अब तक पंजीकरण शुरू होना तो दूर रहा अब तक विदेश मंत्रालय की बैठक तक नहीं हुई है। जबकि पिछली बार यह बैठक 22 फरवरी को हो चुकी थी। 17 मार्च के बाद यात्रा के लिए पंजीकरण भी शुरू हो चुके थे। निगम प्रबंधन यात्रा तैयारियों की बैठक को लेकर विदेश मंत्रालय के पत्र का इंतजार कर रहा है।

अब तक दस हजार से अधिक जा चुके शिव के धाम

1981 से कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा कैलास मानसरोवर यात्रा का संचालन किया जा रहा है। तब से अब तक कुमाऊं के रास्ते दस हजार से अधिक तीर्थयात्री पवित्र कैलास मानसरोवर की परिक्रमा कर चुके हैं। कैलास यात्रा की तस्वीर साफ न होने की वजह से अब तक आदि कैलास यात्रा पर भी असमंजस बना हुआ है।

निगम को होती है साढ़े तीन करोड़ कमाई

कैलास मानसरोवर यात्रा से कुमाऊं मंडल विकास निगम को हर साल करीब साढ़े तीन करोड़ आय होती है। कैलास यात्रा के पड़ावों में भारतीय क्षेत्र में अल्मोड़ा, धारचूला, बूंदी, गुंजी, नाभी, कालापानी, नाभीढांग है। आदि कैलास की यात्रा का कुट्टी व जौलिकांग से हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्र के पड़ावों पर पोनी पोर्टर भी करीब 12 से 15 लाभ सालाना कमाते हैं।

विदेश मंत्रालय से बैठक को लेकर कोई सचना नहीं

जीएम केएमवीएन अशोक जोशी ने बताया कि कैलास मानसरोवर यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय की बैठक को लेकर अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। पिछली बार फरवरी में बैठक हो गई थी। इसकी वजह कोरोना वायरस भी हो सकता है। अलबत्ता निगम स्तर से यात्रा तैयारियां की जा रही हैं। टेंडर इत्यादि भी होने हैं। यात्रा रूट को लेकर भी तस्वीर साफ होनी है।

भारत में भी मिल चुके कोराना संक्रमित मरीज

भारत में भी कोरोना वायरस ने दस्‍तक दे दी है। देश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 30 हो गये हैं, जिनमें 16 इटली के पर्यटक भी शामिल हैं। सरकार संदिग्ध लोगों की जांच के लिए 15 लैब बना चुकी है और अब 19 और लैब बनाने की तैयारी है। देश के 21 एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले हर यात्री की जांच हो रही है। राज्यों के कई अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाए गए हैं। हालात इतने गंभीर है। 

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