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उत्तराखंड में पहली बार उगाई गई लाल भिंडी, सितारगंज के अनिलदीप ने किया कमाल

ब्जियों के कुछ आकार-प्रकार और रंग जेहन बसे हैं। ऐसे में अगर आपसे पूछा जाए कि आपने लाल रंग की भिंडी खाई है तो आप चौंकेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 09:16 AM (IST)
उत्तराखंड में पहली बार उगाई गई लाल भिंडी, सितारगंज के अनिलदीप ने किया कमाल
उत्तराखंड में पहली बार उगाई गई लाल भिंडी, सितारगंज के अनिलदीप ने किया कमाल

 सितारगंज, जेएनएन : सब्जियों के कुछ आकार-प्रकार और रंग जेहन बसे हैं। ऐसे में अगर आपसे पूछा जाए कि आपने लाल रंग की भिंडी खाई है तो आप चौंकेंगे। जी हां भिंडी भी लाल रंग की होती है, इसे काशी लालिमा के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड में इसकी खेती भी शुरू हो गई है। सितारगंज में शौकिया तौर पर अनिलदीप सिंह महाल ने इसे अपने फार्म हाउस पर उगाया है। लाल भंडी में एंटीऑक्स‍िडेंट कहीं ज्यादा पाया जाता है। इसे खाने से कई बीमारियों से लड़ने में मदद भी मिलती है।

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शौकिया तौर पर अनिलदीप करते हैं खेती

सितारगंज के तिगड़ीफार्म के मालिक अनिलदीप सिंह महाल एमए और एलएलबी हैं। खेती वह शौकिया तौर पर करते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली की खान मार्केट में उन्होंने पहली बार लाल भिंडी देखी। इसके बाद उनकी बेटी गुरवेना ने इस किस्म के बारे में पता लगाया तो पता चला कि इसे काशी लालिमा कहते हैं। जिसके बाद उन्होंने भी एक ऑनलाइन साइट से इसका बीज मंगाया। अभी परीक्षण के रूप में एक बीघा भूमि पर लाल भिंडी उगाई गई, जिसकी बेहतर पैदावार हुई है। अब वह इसका बीज तैयार करने में जुटे हैं।

काला, बैंगनी और नीला गेहूं भी उगा चुके

अनिलदीप सिंह ने बताया कि बताया कि पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने उनसे संपर्क किया था और कृषि विभाग की टीम भी दौरे के लिए आने वाली है। सिंह ने बताया कि वह अपने फार्म हाउस पर काला, बैंगनी और नीला गेहूं भी उगा चुके हैं। इधर, जिपं अध्यक्ष रेनू गंगवार ने उन्हें सम्मानित कराने की सिफारिश के के लिए राज्यपाल, सीएम और कृषि मंत्री को पत्र लिखा है।

भिंडी का आकार

  • भिंडी की लंबाई 11 से 14 सेमी और व्यास 1.5 से 1.6 सेमी होती है। प्रति हेक्टेयर भूमि में करीब 130 से 140 क्विंटल तक इसकी पैदावार है।
  • काशी लालिमा भिंडी के ये हैं फायदे
  • -एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और कैल्शियम समेत अन्य  पोषक तत्वों से भरपूर।
  • -गर्भ में पलने वाले शिशु के मस्तिष्क का तेजी से विकास होता है और यह महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी को पूरा करती है।  
  • -शुगर और दिल के मरीजों के लिए भी लाभकारी है।

IIVR ने भी पिछले साल विकसित की थी प्रजाति

पिछले साल उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) ने भी काशी लालिमा भिंडी की प्रजाति को विकसित किया था। लाल भिंडी कई गुणों से भरपूर है। वैज्ञानिकों की मानें तो ये भिंडी एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और कैल्शियम सहित तमाम पोषक तत्वों से भरपूर है यानि इसके सेवन के कई फायदे हैं। आपको ये भी बता दें कि इस भिंडी की अलग अलग किस्मों को इजाद किया गया है।

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