Move to Jagran APP

Caronavirus effect: विश्‍व धरोहर घोषित त्रिपुरा देवी की पूजा को नेपाल नहीं जा पाएंगे भारतीय श्रद्धालु

नेपाल और भारत मेें समान रूप से पूजी जाने वाली मां त्रिपुरा देवी के दर्शनों का अवसर इस वर्ष भारतीय श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 07:02 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 01:34 PM (IST)
Caronavirus effect: विश्‍व धरोहर घोषित त्रिपुरा देवी की पूजा को नेपाल नहीं जा पाएंगे भारतीय श्रद्धालु
Caronavirus effect: विश्‍व धरोहर घोषित त्रिपुरा देवी की पूजा को नेपाल नहीं जा पाएंगे भारतीय श्रद्धालु

झूलाघाट (पिथौरागढ़), प्रमोद भट्ट : नेपाल और भारत मेें समान रूप से पूजी जाने वाली मां त्रिपुरा देवी के दर्शनों का अवसर इस वर्ष भारत के श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगा। विश्व धरोहर घोषित इस मंदिर में 29 एवं 30 जून को वार्षिक पूजा का आयोजन होना है। मंदिर कमेटी ने कोविड-19 के चलते सिर्फ पुजारियों को ही पूजा में शामिल होने का निर्णय लिया है।

loksabha election banner

भारत से लगे नेपाल के सीमांत जिले के बैतड़ी में स्थित त्रिपुरा देवी मंदिर में रणशैणी (त्रिपुरा देवी) की पूजा आषाढ़ से श्रावण माह के बीच होती है। दो दिन की इस विशेष पूजा में पहले दिन छोटी जात निकाली जाती है और दूसरे दिन बड़ी जात का आयोजन होता है। नेपाल के साथ ही भारत से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पूजा में शामिल होते हैं। रात्रि जागरण के बाद बड़ी जात के रोज मंदिर में पशु बलि दी जाती है। भारत के लोग इस आयोजन में शामिल होने के लिए वर्ष भर इंतजार करते हैं, लेकिन इस वर्ष भारत और नेपाल की सीमा कोविड- 19 के चलते बंद है। भारतीय लोग पूजा के लिए नेपाल नहीं जा पाएंगे।

नेपाल मेें यह मंदिर दशरथ चंद नगरपालिका वार्ड में आता है। बढ़ते संक्रमण के चलते इस क्षेत्र को 30 जून तक सील किया गया है। इसके चलते नेपाली नागरिक भी ज्यादा संख्या में मंदिर नहीं जा पाएंगे। मंदिर व्यवस्थापन समिति के सदस्य गणेश थापा ने बताया कि इस वर्ष कोविड-19 के चलते सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं से मंदिर आने का आह्वान किया गया है। पूजा में सिर्फ पुजारियों को ही शामिल होने की अनुमति है।

यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल है मंदिर

बैतड़ी जनपद के दशरथ चंद नगरपालिका वार्ड में स्थापित त्रिपुरा देवी मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। इसकी अनूठी स्थापत्य कला को देखते हुए इसे इस सूची में शामिल किया गया है। धरोहर घोषित होने के बाद दुनिया भर में इस मंदिर का महत्व बड़ा है। हिंदू धर्मावलंबियों के साथ ही यूरोप से आने वाले पर्यटक भी इस मंदिर के स्थापत्य को देखने के लिए पहुंचते हैं।

भारत और नेपाल के बीच सेतु है त्रिपुरा देवी मंदिर

त्रिपुरा देवी मंदिर भारत और नेपाल के बीच बहुत बड़ा सेतु है। इस मंदिर में नेपालियों के साथ ही बड़ी संख्या में भारतीय भी पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं। भारतीय इस मंदिर में मनोकामना मांगते हैं। मनौती पूरी होने पर अगले वर्ष पशु बलि देते हैं। यह मंदिर दोनों देशों के लोगों को जोडऩे में बेहद महत्वपूर्ण है।

यह भी पढ़ें : भारत ने नेपाल सीमा पर बढ़ाए एसएसबी जवान, धारचूला से कालापानी तक पैनी निगाह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.