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प्रो. ओपीएस नेगी बने ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति, जानिए उनके बारे में

कुमाऊं विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह नेगी को विवि का पांचवां कुलपति बनाया गया है। यह आदेश सोमवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने जारी कर दिया है।

By Edited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 05:30 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 07:23 PM (IST)
प्रो. ओपीएस नेगी बने ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति, जानिए उनके बारे में
प्रो. ओपीएस नेगी बने ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति, जानिए उनके बारे में

हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को सात महीने बाद स्थायी कुलपति मिल गया है। कुमाऊं विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह नेगी को विवि का पांचवां कुलपति बनाया गया है। यह आदेश सोमवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने जारी कर दिया है।
प्रो. नेगी विश्वविद्यालय के एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में कार्यरत हैं। इनका कार्यकाल तीन साल के लिए रहेगा। 16 जुलाई 1958 में जन्मे प्रो. नेगी 32 साल से अध्यापन कर रहे हैं। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल में उनके 225 शोध पत्र प्रकाशित हैं। इसके साथ ही आठ विद्यार्थियों को पीएचडी कराने के साथ ही चार शोध परियोजनाओं को पूरा करने का अनुभव है। जर्मन समेत कई विदेशी भाषाओं का ज्ञान रखने वाले प्रो. नेगी इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मैथमेटिकल फिजिक्स, इंडियन एसोसिशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स समेत तमाम राष्ट्रीय संस्थाओं के सदस्य भी हैं। विश्वविद्यालय में तमाम जिम्मेदारियों को बखूबी निभा चुके हैं। इस उपलब्धि के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने खुशी जताई है।

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नए कुलपति के सामने कम नहीं हैं चुनौतियां
नवनियुक्त कुलपति के सामने चुनौतियां कम नहीं राज्य के कोने-कोने में उच्च शिक्षा पहुंचाने वाले उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को पांचवा स्थायी कुलपति मिल गया है। नवनियुक्त कुलपति प्रो. ओम प्रकाश सिंह नेगी को विश्वविद्यालय को आगे ले जाने के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में यहां 45 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जहां 70 से अधिक पाठ्यक्रम संचालित हैं।

ये हैं पांच बड़ी चुनौतियां
एक :
नैक मूल्यांकन के लिए निरीक्षण कराना है। इसके लिए फैकल्टी की नियुक्ति करना, भवन बनाना और कुलपति आवास समेत अन्य नियमों को पालन कराना है। इसी के आधार पर विश्वविद्यालय को अनुदान मिलेगा।
दो : अध्ययन केंद्रों की स्थिति सुधारनी है। इन केंद्रों में पर्याप्त फैकल्टी की व्यवस्था की जानी है। प्रवेश व परीक्षा के नियमों को दुरुस्त करना है।
तीन : नए रोजगारपरक प्रोग्राम विकसित करना है। वर्तमान में रोजगारपरक कुछ विषय तो हैं, लेकिन विषय सामग्री व व्यावहारिक ज्ञान जरूरत के अनुसार उपलब्ध नहीं है।
चार : अध्ययन सामग्री व शोध को बढ़ावा देना है। मुक्त विश्वविद्यालय होने के चलते यहां पर विद्यार्थियों का शिक्षकों से सीधे सामना नहीं होता है। इसके लिए लगातार अध्ययन सामग्री को अपडेट व ऑनलाइन करने की जरूरत है।
पांच : यूजीसी (मुक्त व दूरस्थ शिक्षा) अधिनियम 2017 के नियमों को लागू करना है। विश्वविद्यालय में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए केंद्रों में सुधार लाने और मानक विपरीत संचालित अध्ययन केंद्रों को बंद करने के लिए प्रयास करना होगा।

पहले विश्वविद्यालय को समझूंगा
प्रो. नेगी नवनियुक्त कुलपति प्रो. ओम प्रकाश नेगी ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में कहा कि वह विश्वविद्यालय को आगे ले जाने के लिए प्रयासरत रहेंगे। इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय को समझूंगा। उसी आधार पर निर्णय लिए जाएंगे। अब तक कार्यरत कुलपति वर्ष 2005 में स्थापित विश्वविद्यालय में अब तक चार कुलपति बनाए गए हैं। पहले कुलपति प्रो. एसएस हसन, दूसरे प्रो. विनय पाठक, तीसरे प्रो. सुभाष धूलिया, चौथे प्रो. नागेश्वर राव और पांचवे कुलपति के रूप में प्रो. ओम प्रकाश नेगी को जिम्मेदारी दी गई है। इस बीच कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीके नौड़ियाल को इस विश्वविद्यालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।

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