Move to Jagran APP

अटल आयुष्मान योजना में निजी अस्पताल नहीं ले रहे रुचि, जानिए क्‍यों

अटल आयुष्मान योजना को लेकर सरकार उत्साहित है। इसे विश्व की सबसे बड़ी योजना बताकर प्रचार कर रही है, मगर हकीकत यह है कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 12:02 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 07:54 PM (IST)
अटल आयुष्मान योजना में निजी अस्पताल नहीं ले रहे रुचि, जानिए क्‍यों
अटल आयुष्मान योजना में निजी अस्पताल नहीं ले रहे रुचि, जानिए क्‍यों

हल्द्वानी, जेएनएन : अटल आयुष्मान योजना को लेकर सरकार उत्साहित है। इसे विश्व की सबसे बड़ी योजना बताकर प्रचार कर रही है, मगर हकीकत यह है कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं हैं और निजी चिकित्सालयों ने योजना को लेकर मुंह मोड़ रखा है। चार महीने बाद भी अभी तक जिले के केवल छह निजी चिकित्सालयों ने ही योजना में पंजीकरण कराया है। इसमें से भी तीन सेंटर केवल आंखों के इलाज के लिए हैं।

loksabha election banner

जिले में 15 सरकारी अस्पताल हैं, जिनमें यह योजना चल रही है। अब इस योजना से जिले के ढाई लाख परिवारों को लाभ मिलना है। इसके लिए अस्पताल व संसाधनों की जरूरत है। जिले में 150 निजी चिकित्सालय हैं, जहां इलाज मिल सकता है। इसके बावजूद निजी चिकित्सालय सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस तरह की स्थिति को लेकर पिछले सप्ताह डीएम वीके सुमन ने सभी निजी अस्पतालों के संचालकों की बैठक ली थी। सभी से योजना में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन इसके बाद भी निजी अस्पताल संचालक मानने को तैयार नहीं हैं। अब तक केवल विवेकानंद अस्पताल, सुबह अस्पताल, बांबे अस्पताल, दृष्टि आइ सेंटर के अलावा वेदांता आइ सेंटर व आइ क्यू सेंटर ने पंजीकरण कराया है।

रेट देख बड़े अस्पताल ने किया इन्कार

नैनीताल रोड के एक बड़े अस्पताल ने अटल आयुष्मान योजना में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। बाद में जब योजना से संबंधित रेट देखे तो आवेदन वापस ले लिया।

योजना व निजी चिकित्सालयों के रेट में है अंतर

अटल आयुष्मान योजना में सेप्टीसीमिया के इलाज के लिए प्रतिदिन तीन हजार रुपये मिलेंगे। जबकि निजी चिकित्सालयों में इसका खर्च सात से आठ हजार रुपये है। डिलीवरी को लेकर भी सात से आठ हजार रुपये ही मिलेंगे। जबकि, प्राइवेट अस्पतालों में ऑपरेशन में डिलीवरी होने पर 30 से 60 हजार रुपये तक लिए जाते हैं। इस तरह की स्थिति को लेकर निजी अस्पताल योजना में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

सरकारी से रेफर होने पर मिलेगा निजी चिकित्सालय में इलाज

अटल आयुष्मान योजना का लाभ मरीजों को सीधे निजी चिकित्सालयों में नहीं मिलेगा। इसके लिए पहले उन्हें सरकारी अस्पतालों में भर्ती होना पड़ेगा। वहां से रेफर होकर ही निजी चिकित्सालय में जा सकेंगे। केवल इरमजेंसी की स्थिति में सीधे भर्ती किया जा सकता है।

गोल्डन कार्ड के लिए सीएससी में भटके लोग

सभी को लाभ दिए जाने की योजना के लागू होने के बाद लोग कॉमन सर्विस सेंटरों में भटकते रहे। तमाम केंद्रों में गोल्डन कार्ड नहीं बन सके। कई सेंटरों में सर्वर ही नहीं चला तो कहीं अन्य तकनीकी दिक्कत सामने आई।

अब तक बने सात हजार कार्ड, दो का हुआ इलाज

गरीब व वंचित लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने वाली योजना को चार महीने बीत गए हैं। अब तक सात हजार कार्ड बन चुके हैं, लेकिन इलाज दो लोगों को ही मिल सका है। 

सर्वर की आ रही थी दिक्कत

सूरज रावत, जिला कोऑर्डिनेटर, अटल आयुष्मान योजना ने बताया कि पूरे प्रदेश में गोल्डन कार्ड बन रहे हैं। इसलिए कुछ जगह सर्वर की दिक्कत आ रही थी। शाम तक 150 कार्ड बन गए थे। अभी तक लाभार्थी कम थे, लेकिन अब संख्या बढ़ जाएगी। इलाज के लिए भी लोगों की संख्या बढऩे लगेगी। निजी चिकित्सालय भी अब पंजीकरण कराएंगे।

आर्मी हेल्थ स्कीम के बराबर रेट होना चाहिए

डॉ. डीसी पंत, अध्यक्ष, आइएमए हल्द्वानी का कहना है कि अटल आयुष्मान योजना अच्छी है। इसमें हम सभी जुडऩा चाहते हैं। अगर सरकार इस योजना में भी एक्स आर्मी हेल्थ स्कीम के बराबर रेट रखती है तो सभी अस्पताल इसमें रुचि दिखाएंगे। इतने कम रेट में अस्पतालों का खर्चा निकलना संभव नहीं हो पाएगा।

यह भी पढ़ें : फिजीबिलिटी टेस्ट ने 25 प्रतिशत बढ़ा दिया हल्द्वानी रिंग रोड का बजट

यह भी पढ़ें : थर्टी फर्स्‍ट मनाने आ रहे हैं नैनीताल और रामनगर तो पढ़ लें ये खबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.