विवि की काउंसलिंग बिना छात्रों को प्रवेश देने पर निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों पर 50 लाख का जुर्माना
आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की काउंसलिंग में शामिल हुए बिना निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों के 474 छात्रों को प्रवेश देने पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
नैनीताल, जेएनएन : आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की काउंसलिंग में शामिल हुए बिना निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों के 474 छात्रों को प्रवेश देने पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। इसे गंभीर मानते हुए कोर्ट ने कॉलेजों पर 50 लाख का जुर्माना लगाया। धनराशि पांच मार्च तक आयुर्वेदिक विवि के खाते में जमा करना होगा। कोर्ट ने 474 छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आयुर्वेदिक विवि से सभी के नामांकन का आदेश भी दिया।
मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकलपीठ में सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि नीट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को आयुर्वेदिक कॉलेजों में प्रवेश की अनुमति थी। लेकिन आयुर्वेदिक कॉलेजों की सीटें रिक्त रहने पर शासन से बिना नीट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों में प्रवेश की अनुमति मिल गई। इसकी 15 नवंबर 2018 की अंतिम तिथि निर्धारित थी। इस तिथि के बाद भी निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों की सीटें रिक्त रहने पर उन्होंने आयुर्वेदिक विवि में पंजीकरण किए बिना ही प्रवेश कर लिया। इससे 474 विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ गया।
आयुर्वेदिक विवि की ओर से संबंधित विद्यार्थियों का पंजीकरण न करने के खिलाफ निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों की संस्था एसोसिएशन ऑफ कंबाइंड इंट्रेंस एग्जामिनेशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने बिना विवि काउंसलिंग के प्रवेश देने पर निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों पर 50 लाख का जुर्माना लगा दिया।
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