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    वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये होगी कैदियों की पेशी, अपराधियों पर लगेगा अंकुश

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 11 Dec 2018 07:56 PM (IST)

    सब कुछ ठीकठाक रहा तो जेलों में बंद कैदियों की पेशी न्यायालय में अब वीडियो कॉन्फें्रसिंग के जरिये होगी। इससे पहले से मैन पावर की कमी झेल रहे पुलिस महकमे को राहत मिलेगी।

    वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये होगी कैदियों की पेशी, अपराधियों पर लगेगा अंकुश

    वीरेंद्र भंडारी, रुद्रपुर : सब कुछ ठीकठाक रहा तो जेलों में बंद कैदियों की पेशी न्यायालय में अब वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये होगी। इससे जहां  पहले से मैन पावर की कमी झेल रहे पुलिस महकमे को राहत मिलेगी, वहीं कैदियों के साथ पुलिस की मिलीभगत के आरोपों और अतिरिक्त खर्च से भी छुटकारा मिलेगा। इसके लिए जल्द ही पुलिस कर्मियों को पीएचक्यू में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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    बता दें कि जेल में अलग-अलग वारदात में बंद कैदियों की अक्सर न्यायालय में पेशी होती रहती है। इसके लिए जेल में बंद इन कैदियों को न्यायालय में पेश करने और वापस जेल भेजने के लिए केवल ऊधमसिंहनगर में ही रोजाना 100 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगती है। कई बार पेशी में लाने और ले जाने के दौरान कैदी पुलिस कस्टडी से फरार हो जाते हैं। ऐसे में पुलिस कर्मियों पर कैदियों से मिलीभगत के आरोप भी लगते रहते हैं। इसके अलावा कैदियों को लाने और ले जाने में वाहन के ईंधन में आने वाला खर्च अलग है। इसे देखते अब पुलिस महकमा जेलों में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, दुष्कर्म समेत अन्य अपराधों में बंद कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करने की तैयारी में जुटा है। ऊधमसिंहनगर के कुछ पुलिस कर्मियों को पीएचक्यू में ट्रेनिंग भी दी जाएगी। प्रशिक्षण के बाद जेल और न्यायालय में कैमरे लगाए जाएंगे। ताकि कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सके।

    न्यायालय और जेल में है एक-एक कैमरा

    कैदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी के लिए कैमरों की जरूरत है। फिलहाल हल्द्वानी कारागार में एक और जिला न्यायालय में एक वीडियो कैमरा है। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके के मुताबिक कैमरे बढ़ाए जा रहे हैं। कैमरे लगने के बाद पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैदियों की पेशी की जाएगी।

    खत्म होगी मैन पॉवर की समस्या, बजट भी बचेगा

    यूएसनगर के एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि जेल में बंद कैदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी की जाएगी। इसके लिए योजना तैयार की जा रही है। इसे धरातल में उतारने के बाद मैन पावर की समस्या तो खत्म होगी, साथ ही बजट में भी कमी आएगी। जल्द ही पीएचक्यू में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

     

    पेशी के दौरान फरार हुए कैदी

    केस-1
    वर्ष 2013 में हल्द्वानी जेल में बंद डकैतों को बुलंदशहर कोर्ट में पेश करने के लिए ऊधमसिंहनगर पुलिस ले गई थी। बुलंदशहर में पुलिस कर्मियों से मिलीभगत के बाद डकैतों ने अपने साथियों के साथ मिलकर ज्वैलर्स की दुकान में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। इस मामले में पेशी में बदमाशों को ले गए तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था।

    केस-2
    31 मई 2013 को ट्रांजिट कैंप पुलिस कृष्णा कालोनी निवासी सूरज को पेश करने के लिए न्यायालय में ले गई थी। इस दौरान उसे न्यायालय परिसर में बने लॉकअप रूम में रखा गया था। इसी बीच सूरज लॉकअप रूम की खिड़की का सरिया काटकर फरार हो गया था। करीब एक-दो माह बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

    केस-3
    वर्ष 2015-16 में एक आरोपित इंद्रजीत को न्यायालय में पेश करने के बाद ऊधमसिंहनगर पुलिस उसे लेकर हल्द्वानी कारागार जा रही थी। नैनीताल रोड पर पुलिस वाहन का तिरपाल काटकर इंद्रजीत फरार हो गया था। इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। बाद में नैनीताल और ऊधमसिंहनगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

    केस-4
    15 मई 2017 को पुलिस एक बदमाश इरफान निवासी काशीपुर के गडढा कालोनी को कोर्ट में पेश करने के लिए लाई थी। इस दौरान वह हथकड़ी खोलकर भागने का प्रयास करने लगा था। यह देख पुलिस कर्मी ने उसे टोका तो वह उससे भिड़ गया और मारपीट करने लगा। बाद में पुलिस ने उसके खिलाफ सिडकुल चौकी में केस भी दर्ज कराया।

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