बर्फबारी में फंसे लोग, 14 किमी पैदल चलकर पहुंचे कालामुनि मंदिर, खिचड़ी खाकर गुजारी रात
हिमपात के कारण थल-मुनस्यारी मार्ग बंद होने से एक दर्जन लोग फंस गए। उन्होंने कालामुनि मंदिर में माइनस दो डिग्री तापमान में खिचड़ी खाकर रात गुजारी।
पिथौरागढ़, जेएनएन : भारी बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शुक्रवार को हिमपात के बाद शनिवार को मौसम ने राहत दी है। सुबह कोहरा छाए रहने के बाद दिन में धूप खिली। 21 घंटे बाद थल-मुनस्यारी मार्ग यातायात के लिए खुला। वहीं शुक्रवार को भारी हिमपात के कारण मार्ग बंद होने से एक दर्जन लोग फंस गए थे। उन्होंने कालामुनि मंदिर में माइनस दो डिग्री तापमान में खिचड़ी खाकर रात गुजारी। वहीं, 16 लोग 14 किमी बर्फ में चलकर मुनस्यारी पहुंचे। पिथौरागढ़ के सामने खड़ी थलकेदार चोटी पर भी शुक्रवार की रात को हिमपात हुआ। इसके चलते ठंडी हवाएं चलने से जिला मुख्यालय में तापमान में गिरावट आई है।
14 किमी पैदल चलकर मंदिर पहुंच लोग
शुक्रवार को जिलेभर में भारी बारिश हुई। बेरीनाग तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश हुई। दिनभर बारिश के चलते जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। भारी हिमपात के चलते बंद थल-मुनस्यारी मार्ग शनिवार पूर्वाह्न 11 बजे यातायात के लिए खुल सका। मुनस्यारी से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की शाम मार्ग बंद होने से दस वाहन, जिनमें बोलेरो, टवेरा, कार, मैक्स शामिल थे, कालामुनि के पास फंस गए। इन वाहनों में सवार 16 लोग रात को भी बर्फ के बीच 14 किमी पैदल चलकर चार घंटे में मुनस्यारी पहुंचे तो एक दर्जन लोगों ने 2720 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कालामुनि के काली मंदिर में रात गुजारी । मंदिर में रहने वाले बाबा ने उन्हें खिचड़ी खिलाई।
अंधेरे में डूबा रहा पूरा क्षेत्र
मार्ग पर फंसे लोगों को निकालने के लिए लोनिवि ने बिना लाइट वाली जेसीबी बर्फ हटाने के लिए भेजी इसलिए कामयाबी नहीं मिल सकी। हिमनगरी मुनस्यारी सहित पूरा क्षेत्र रातभर अंधेरे में रहा। बर्फबारी से लाइन क्षतिग्रस्त होने से भंग आपूर्ति 18 घंटे बाद शनिवार को बहाल हो सकी। उधर, धारचूला के चौदास क्षेत्र में भी कई स्थानों पर हिमपात के बाद शनिवार को मौसम खुल गया है।
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