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थल-मुनस्यारी मार्ग पर भारी हिमपात, दो दर्जन वाहन में पचास लोग फंसे, सुरक्षित निकाला गया

मंगलवार की शाम थल-मुनस्यारी मार्ग पर भारी हिमपात हाेने के कारण एक दर्जन से अधिक वाहन और 50 से अधिक यात्री सड़क पर फंस गए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:01 PM (IST)
थल-मुनस्यारी मार्ग पर भारी हिमपात, दो दर्जन वाहन में पचास लोग फंसे, सुरक्षित निकाला गया
थल-मुनस्यारी मार्ग पर भारी हिमपात, दो दर्जन वाहन में पचास लोग फंसे, सुरक्षित निकाला गया

पिथौरागढ़, जेएनएन : सीमांत जिले पिथौरागढ में मौसम का कहर जारी है। मंगलवार की रात को पिथौरागढ़ और गंगोलीहाट में बारिश का क्रम जारी रहा। वहीं थल-मुनस्यारी मार्ग पर रातापानी से लेकर पातलथौड़ तक बर्फबारी हुई। सड़क पर आधा फीट से अधिक बर्फ जमने से कालामुनि के पास हल्द्वानी से मुनस्यारी आने वाले एक दर्जन वाहन समेत पचास लोग फंस गए। जिसमें अधिकांश को पुलिस और स्थानीय युवाओं ने रेस्क्यू कर मध्य रात्रि के आसपास मुनस्यारी पहुंचाया। तीन पर्यटकों को ले जा रही कार बिटलीधार के निकट बर्फ में फिसल कर सड़क किनारे जाकर फंस गई। वाहन में सवार तीनों यात्री सकुशल सुरक्षित हैं । थल और मुनस्यारी के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि हुई। टनकपुर -तवाघाट हाईवे पर ऑलवेदर रोड कार्य के चलते इग्यारह देवी के समीप मलबा आने से मार्ग लगभग दो घंटे बंद रहा। इस दौरान वाया सूनी व पांगर होते यातायात का संचालन हुआ।

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रुक रुक हुई बारिश के साथ ओले भी पड़े

मंगलवार को दूसरे दिन भी मौसम खराब रहा। पिथौरागढ़ और गंगोलीहाट में रात भर रुक- रुक कर बारिश होती रही । पिथौरागढ़ में 7.2 एमएम तो गंगोलीहाट में 21 एमएम बारिश हुई । बेरीनाग में एक एमएम बारिश हुई। थल और मुनस्यारी के तल्ला जोहार के बिर्थी, गिरगांव क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई। बुधवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। पूर्वाह्न 10 बजे के आसपास मौसम खुला। दिन भर में बादलों की आवाजाही जारी रही। सुबह हाईवे के ग्यारह देवी के पास मलबा आ गया। वाहनों का संचालन इग्यारह देवी से वाया स्यूनी होते हुआ। इस मार्ग के सिंगल होने से वाहन संचालन में परेशानी रही और जाम लगता रहा।

कालामुनि से 16 किमी पैदल चल कर मुनस्यारी पहुंचे

उच्च हिमालय में भारी हिमपात हो रहा है। मंगलवार की शाम थल-मुनस्यारी मार्ग पर रातापानी से मुनस्यारी के करीब पातलथौड़ तक हिमपात हुआ तो रातापानी से गिरगांव के बीच जमकर ओले गिरे। जिसका प्रभाव यातायात पर पड़ा। हल्द्वानी से मुनस्यारी आने वाले वाहन रातापानी और कालामुनि के पास फंस गए। जिसमें कुछ यात्री तो कालामुनि से 16 किमी पैदल चल कर मुनस्यारी पहुंचे । कुछ यात्री कालामुनि से सात किमी पैदल चल कर बिटलीधार पहुंचे। जहां से फिर पुलिस थानाध्यक्ष महेश चंद्र जोशी के नेतृत्व में पुलिस जवानों और स्थानीय युवाओं ने रेस्क्यू कर इन लोगों को मध्य रात्रि को मुनस्यारी पहुंचाया। यात्रियों में आठ साल की प्राची और 64 साल के धाम सिंह भी शामिल थे। दो वाहन रातापानी में ही रहे। इस दौरान बिटलीधार के पास एक वाहन यूके 04 टीए 2546 बर्फ से फिसल कर सड़क किनारे पहुंच गया। कार में सवार चालक और दो पर्यटक सुरक्षित रहे। इन लोगों को भी रात को ही अन्य लोगों के साथ मुनस्यारी पहुंचाया गया। इस दौरान लोनिवि सहायक अभियंता का फोन नोट रिचेबल रहने से विभाग से कोई मदद नहीं मिल पाई।

दो दर्जन पर्यटक और यात्री कालामुनि में रहे

मंगलवार शाम को थल -मुनस्यारी मार्ग बंद होने के कारण दो दर्जन यात्री और पर्यटक कालामुनि में रहे। एक दर्जन लोग कालामुनि से वापस बिर्थी आ गए। सायं पांच बजे के आसपास इन लोगों द्वारा पुलिस हेल्पलाइन को फोन किया गया। रात्रि दो बजे अस्कोट से एसडीआरएफ की टीम कालामुनि पहुंची और रेस्क्यू कर मुनस्यारी पहुंचाने को कहा। जिसे पर्यटकों और यात्रियों ने मना कर दिया। उनका कहना था कि सायं पांच बजे मांगी मदद नौ घंटे बाद मिली है। यात्रियों ने कहा कि वह रात कालामुनि में ही बिताएंगे। बुधवार सुबह स्थानीय लोग तो मार्ग खुलने के बाद मुनस्यारी चले गए, परंतु बाहर से आए पर्यटक व्यवस्था से खफा होकर वापस लौटे। 

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