coronavirus : पद्ममश्री निर्मल खालसा ने हल्द्वानी को दिया था गुरु ग्रंथ साहिब का संदेश
स्वर्ण मंदिर दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी रहे निर्मल खालसा को 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया था।
हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना वायरस का शिकार हुए पद्मश्री निर्मल सिंह खालसा वर्ष 2009 में हल्द्वानी आए थे। स्वर्ण मंदिर दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी रहे निर्मल खालसा को 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया था।
शहर के प्रमुख कारोबारी वीरेंद्र सिंह चड्ढा ने बताया कि 5 फरवरी 2009 में निर्मल खालसा हल्द्वानी के खालसा नेशनल बालिका इंटर कॉलेज व श्री गुरु तेगबहादुर स्कूल के प्रांगण में सजे कीर्तन दरबार में शरीक हुए थे। उन्होंने दरबार में मौजूद हजारों की संगत को कीर्तन के माध्यम से गुरु ग्रंथ साहिब का संदेश सुनाया था। तब वह वीरेंद्र चड्ढा की आवाज पर रुके थे। चढबने बताया कि नैनीताल घूमने गए ज्ञानी निर्मल खालसा यहां के नैसर्गिक सुंदरता को देख काफी प्रसन्न हुए थे।
उन्होंने विश्व के 30 देशों की यात्रा करते हुए गुरु के संदेश को लाखों लोगों तक पहुंचाना। वह कुछ दिन पहले लंदन से लौटे थे और कोरोना संक्रमित होने की जानकारी लगने के बाद गुरुनानक देव अस्पताल अमृतसर में वेंटिलेटर पर थे। गुरुवार तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली। हल्द्वानी के सिख समाज ने उनके लिए वाहेगुरु से अरदास की।
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