coronavirus : 12-12 घंटे की ड्यूटी कर बेस अस्पताल में टीम के साथ जमे हैं चिकित्सक
हम तो घरों में लाॅकडाउन हैं लेकिन हमारे कोरोना वाॅरियर्स अस्पतालों में हम सबकी सेवा के लिए मुस्तैद हैं। महामारी के इस दौर में इससे बड़ी मानवता की सेवा हो भी क्या सकती है।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : हम तो घरों में लाॅकडाउन हैं, लेकिन हमारे कोरोना वाॅरियर्स अस्पतालों में हम सबकी सेवा के लिए मुस्तैद हैं। महामारी के इस दौर में इससे बड़ी मानवता की सेवा हो भी क्या सकती है। बेस अस्पताल हल्द्वानी में डाॅक्टर व नर्सों की टीम के हौसले को सलाम है, जिनमें 12 घंटे की डयूटी के बावजूद कोरोना को हराने का गजब का जज्बा दिखता है। कहते हैं, हमने हर परिस्थिति में खुद को ढालने के लिए मानसिक रूप से तैयार कर लिया है।
बेस अस्पताल में कोरोना नियंत्रण के लिए बनाए गए नोडल प्रभारी डाॅ. डीएस पंचपाल व उनकी टीम के सदस्य डाॅ. सीएस भटट, डाॅ. पीएस खोलिया, स्टाफ नर्स नरेंद्र तिवारी, दया सिजवाली, आरती जोशी व वार्ड ब्वाय प्रकाश, जो पूरे मनोयोग से आइसोलेशन वार्ड की डयूटी निभा रहे हैं। सामने कोविड 19 के खतरे को देखते हैं, फिर भी घबराते नहीं। अब तक 12 से अधिक मरीजों के सैंपल ले चुके हैं। शुक्र है अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया, लेकिन खुद को मानसिक रूप से क्वारंटाइन होने के लिए भी तैयार हैं।
डाॅ. पंचपाल कहते हैं, अगर मरीज पाॅजिटिव आ जाता है तो डाॅक्टर समेत पूरी टीम घर नहीं जा सकती है और न ही कहीं और जा सकते हैं। यानी वह भी एक तरह के क्वारंटाइन में रहते हैं। इनके रहने के लिए अस्पताल में ही या फिर किसी होटल में व्यवस्था की जाएगी। इस समय टीम को 12-12 घंटे की ड्यूटी दी गई है। सुबह आठ से रात आठ और रात आठ से सुबह आठ बजे तक। वहीं जब जागरण संवाददाता ने टीम के सदस्यों से बात की तो सभी मुस्कुराते हुए बोले, मानवता की सेवा के लिए ही तो हैं हम। हमने खुद को पूरी तरह तैयार रखा है।
जिन्हें 22 मार्च से नहीं मिली छुटटी
अस्पताल में कुछ स्टाफ ऐसा है, जिसे 22 मार्च से अवकाश तक नहीं मिला। स्टाफ नर्स नरेंद्र तिवारी भी इसमें शामिल हैं, लेकिन वह कोरोना वाॅरियर्स की तरह पूरे जुनून के साथ जुटे हैं। कहते हैं, कोई बात नहीं है। ऐसे समय में हमारी डयूटी लगाई जा रही है तो हमें करनी है। इस समय हम साथ नहीं देंगे तो कौन देगा। ऐसा कहते हुए तिवारी मुस्कुराने लगते हैं।
हैंडवाश व सफाई का रखते हैं पूरा ध्यान
सफाई को लेकर डाॅक्टरों का कहना था कि सबसे जरूरी हैंडवाश। कहीं भी छूते हैं तो हाथ धोना नहीं भूलते हैं। सेनिटाइज करते हैं। आसपास को भी समय-समय पर सेनिटाइज करते रहते हैं। घर जाते हैं तो कपड़े बाहर ही उतार देते हैं और नहाने के बाद कमरे में जाते हैं। फिर भी मन में एक डर सा बना ही रहता है, लेकिन जब हमने जिम्मेदारी ली है तो उसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाना ही है।
सैंपल भेजकर करते हैं सेनिटाइज
डाॅ. पंचपाल कहते हैं, सैंपल लेते समय या फिर संदिग्ध लक्षणों से ग्रस्त मरीज को देखते समय पेशेंट प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट किट व एन-95 मास्क पहनते हैं। सैंपल पहुंचाने के बाद भी संबंधित बाॅक्स को सेनिटाइज करते हैं। डाॅक्टर द्वारा पहने गए किट को क्लोरिन वाटर में डाल देते हैं, जिससे कि किट डिसइन्फैक्ट हो जाए।
फेसमास व हैजमेट शूट
डाॅक्टर की टीम को अभी तक फेसमास व हैजमेट शूट उपलब्ध नहीं हो सका है। फिर भी टीम का हौसला कम नहीं हुआ है। डाॅ. पंचपाल जहां लगातार अपनी टीम का हौसला बढ़ाने में जुटे हैं, वहीं कहते हैं कि इसके लिए डिमांड भेजी गई है। उम्मीद है जल्द मिल जाएगा।
यह भी पढें
= महाराष्ट्र्र से पहुंचे संदिग्ध मरीज ने डाॅक्टरों को किया भ्रमित
= गुरुजी ने खुद बेटे का बाल काटा, आप भी देखें उनके हजामत का हुनर