पिथौरागढ उपचुनाव में राष्ट्रीय दलों के संगठन की होगी परीक्षा, दोनों के अपने-अपने दावे
पिथौरागढ़ विधानसभा उपचुनवाव में भाजपा और कांग्रेस के संगठनों की असली परीक्षा होगी। दोनों दलों के दावे की पोल खुलने वाली है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : पिथौरागढ़ विधानसभा उपचुनवाव में भाजपा और कांग्रेस के संगठनों की असली परीक्षा होगी। दोनों दलों के दावों की पोल खुलने वाली है। बीते माहों में भाजपा के चले सदस्यता अभियान में लक्ष्य से अधिक सदस्य बनाने तथा कांग्रेस के नए सदस्य जुडऩे का सच सामने आएगा।
सांगठनिक रू प से भाजपा स्वाभाविक रू प से मजबूत मानी जाती है। भाजपा के आनुषांगिक संगठन अधिक हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस अपने संगठन के विस्तार की बात करती है। उसका कहना है कि उसके संगठन में नए लोगों के जुडऩे से मजबूती मिली है। संगठन में युवाओं की संख्या काफी अधिक बढ़ी है। कांग्रेस की युवा विंग काफी सक्रिय है।
पंचायती चुनावों से पूर्व भाजपा का सदस्यता अभियान संपन्न हुआ था। बीते वर्ष एक मिस काल पर चले सदस्यता अभियान की इस बार भाजपा ने पुष्टि की और सदस्यता अभियान घर-घर जाकर प्रामाणिकता के साथ किया। सदस्यता अभियान से पार्टी गद्गद है। भाजपा का कहना है कि जिले में लक्ष्य से अधिक सदस्य बने हैं। कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है। हालांकि दोनों दल अपने पास युवाओं की फौज बता रहे हैं। उप चुनाव दलों की इस सांगठनिक क्षमता को मापने का मानक बनने जा रहा है।
सुनिए पक्ष-विपक्ष को
विरेंद्र वल्दिया, जिलाध्यक्ष भाजपा ने बताया कि भाजपा की सांगठनिक क्षमता का परिचय देने की आवश्यकता नहीं है। यह वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। सीमांत में संगठन उत्साही युवा कार्यकर्ताओं से भरा पड़ा है। भाजपा एक बूथ पर पचास से अधिक कार्यकर्ता तैनात करने की क्षमता रखती है। वहीं त्रिलोक सिंह महर, जिलाध्यक्ष कांग्रेस ने बताया कि कांग्रेस ने अपने संगठन का विस्तार किया है। गांव-गांव तक कांग्रेस संगठन मजबूत हुआ है। कांग्रेस के साथ युवा काफी अधिक संख्या में जुड़े हैं। सांगठनिक रू प से कांग्रेस मजबूत है।
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