एनएच मुआवजा घोटाले का आरोपित बिल्डर सुधीर निजी वाहन से पहुंच रहा पेशी पर
राज्य के चर्चित एनएच 74 घोटाले के अभियुक्त बिल्डर सुधीर चावला को पेशी में आते-जाते समय वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। ...और पढ़ें

हल्द्वानी, जेएनएन : राज्य के चर्चित एनएच 74 घोटाले के अभियुक्त बिल्डर सुधीर चावला को पेशी में आते-जाते समय वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। नैनीताल पुलिस की दरियादिली से बिल्डर चावला पेशी के दौरान निजी वाहन से जेल से आता-जाता है। यही नहीं रास्ते में आलीशान रेस्टोरेंटों में बिल्डर को बैठाकर खाना भी खिलाया जाता है। बिल्डर को मिल रही सहूलियतों की वीडियो फुटेज जारी होने से खलबली मचने लगी है।
एनएच-74 घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने रुद्रपुर निवासी एलाइड इंफ्रा के स्वामी सुधीर चावला व उनकी पाटर्नर प्रिया शर्मा को गिरफ्तार किया था। बिल्डर सुधीर चावला को नैनीताल स्थित जिला कारागार व प्रिया शर्मा को उपकारागार हल्द्वानी में रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक, बिल्डर सुधीर अक्सर रुद्रपुर स्थित जिला न्यायालय में पेशी के लिए जाता है। न्यायालय में पेशी के लिए ले जाने व वापस छोडऩे के लिए बिल्डर की नजदीकी रिश्तेदार महिला कार लेकर जिला जेल पहुंच जाती है। यहां से सुरक्षा कर्मियों के साथ बिल्डर को निजी कार में बैठाकर रुद्रपुर ले जाया जाता है। आते-जाते समय रास्ते के आलीशान रेस्टोरेंटों में सुधीर को खाना खिलाया जाता है। इसके साथ ही महिला पूरे दिन बिल्डर के साथ रहती है।
बिल्डर को न्यायालय के लॉकअप में भी नहीं रखकर खुले में बिना हथकड़ी पत्नी के साथ बैठाया जाता है। केवल कोर्ट में पेशी के लिए बिल्डर अकेला जाता है। नैनीताल पुलिस की दरियादिली की कुछ वीडियो फुटेज व फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने लगी है। वहीं बताते हैं कि बिल्डर जेल प्रशासन पर भी अपने रसूख का खौफ दिखाकर विशेष सहूलियतें देने का दबाव बनाता है।
एसएसपी बोले मामले की जांच कराई जाएगी
सुधीर कुमार मीणा, एसएसपी, नैनीताल ने कहा कि बिल्डर सुधीर चावला का निजी वाहन से जेल से न्यायालय जाना-आना पूरी तरह से गलत है। फिलहाल इसकी जांच कराई जाएगी। यदि जांच में पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई होगी।
जेल मैनुअल के हिसब से दी जा रहीं सुविधांए
मनोज आर्य, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, नैनीताल ने सफाई देते हुए कहा कि एनएच घोटाले के आरोपी बिल्डर सुधीर चावला को जेल मैनुअल के हिसाब से ही सुविधाएं दी जा रही हैं। जिला जेल प्रशासन पर दबाव बनाने की जानकारी मातहतों से ली जाएगी।

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