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आइएएस पांडे की अंतरिम जमानत पर सुनवाई पूरी, फैसला पांच को

जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टïाचार निवारण कोर्ट में एनएच घोटाला मामले में निलंबित ऊधमसिंह नगर के पूर्व डीएम आइएएस पंकज पाण्डे की अंतरिम जमानत मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 10:00 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 06:39 PM (IST)
आइएएस पांडे की अंतरिम जमानत पर सुनवाई पूरी, फैसला पांच को
आइएएस पांडे की अंतरिम जमानत पर सुनवाई पूरी, फैसला पांच को

नैनीताल, जेएनएन : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टïाचार निवारण कोर्ट में एनएच घोटाला मामले में निलंबित ऊधमसिंह नगर के पूर्व डीएम आइएएस पंकज पाण्डे की अंतरिम जमानत मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस पुरी होने के बाद कोर्ट ने पांच जनवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया है। जबकि कोर्ट ने एनएच घोटाला मामले में ही बैक डेट में कृषि भूमि को अकृषि में बदलने के मामले में जेल में बंद पूर्व तहसीलदार भोले लाल की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

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गुरुवार को एंटी करप्शन कोर्ट में आइएएस पांडे की अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने बहस करते हुए कहा कि कलक्टर की जिम्मेदारी होने के बाद भी सार्वजनिक अवैध कब्जा हटाने का आदेश पारित नहीं किया बल्कि अवैध कब्जेदार को मुआवजा निर्धारण कर दिया। तहसील किच्छा के बरा में प्राथमिक विद्यालय बरा की भूमि पर अवैध तरीके से काबिज सुरेश गंगवार, जिपं अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद गंगवार के आर्बिटेशन वाद पर उनके पक्ष में निर्णय पारित किया गया। बरा के ही तमाम अन्य अवैध कब्जों के मामले में भी उपरोक्त अवैध कब्जेदारों के पक्ष में निर्णय दिया।

ऑर्बिटेटर पांडे के निर्णय के आदेशों के आधार पर एसडीएम अनिल शुक्ला द्वारा अकृषि भूमि दर से भूमि का मुआवजा आठ करोड़ 30 लाख 68 हजार निर्धारित किया। पिछले साल 24 अप्रैल को मामला प्रकाश में आने के बाद ईश्वरी प्रसाद गंगवार द्वारा सरकारी पंचायत घर का लिया गया एक लाख 45 हजार 633 रुपये जबकि सुरेश गंगवार द्वारा 83 हजार 817 रुपये मुआवजा राजकोष में जमा कर दिया गया। डीजीसी ने कहा कि तत्कालीन डीएम द्वारा जिम्मेदार अधिकारी होने के बाद भी शासन की ओर से सौंपे गए ऑर्बिटेटर पद का दुरुपयोग किया। बचाव पक्ष की ओर से अभियोजन की दलीलों का कड़ा विरोध किया गया। साथ ही आरोपों को निराधार करार दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला पांच जनवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया। उधर कोर्ट ने इसी घोटाला मामले में जेल में बंद रिटायर तहसीलदार भोले लाल की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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