बेनीताल झील मामले में एनजीटी ने चमोली डीएम को तीन माह में रिपोर्ट सौंपने के दिए निर्देश, 27 फरवरी को अगली सुनवाई
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चमोली के जिला मजिस्ट्रेट को तीन महीने के भीतर बेनीताल झील पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। डीएम हिमांशु खुराना की अध्यक्षता वाली जिला वैटलेंड समिति ने एनजीटी को सूचित किया कि इस मामले में जल्द एक बैठक बुलाई जा रही है जिसमें संपत्ति के भूमि मालिकों को आमंत्रित किया जाएगा जहां...

जागरण संवाददाता, नैनीताल। Benital Lake Case: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चमोली के जिला मजिस्ट्रेट को तीन महीने के भीतर बेनीताल झील पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई को 27 फरवरी की तिथि नियत की गई है।
इधर इस बीच डीएम हिमांशु खुराना की अध्यक्षता वाली जिला वैटलेंड समिति ने एनजीटी को सूचित किया कि इस मामले में जल्द एक बैठक बुलाई जा रही है, जिसमें संपत्ति के भूमि मालिकों को आमंत्रित किया जाएगा, जहां झील स्थित है।
रत्नेश्वर जन कल्याण समिति ने एनजीटी में यााचिका दायर कर अधिकारियों से पिछले पांच वर्षों में बेनीताल झील और आसपास के पेड़ों की सीमा पर उपग्रह की सहायता से डेटा प्रदान करने का आग्रह किया और जांच की मांग की।
झील का आकार हुआ कम
बद्रीनाथ डीएफओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि झील का स्वामित्व निजी व्यक्ति राजीव सरीन, अजीत सरीन और आदित्य सरीन के पास है। यह बताया गया है कि झील का आकार दो हेक्टेयर के मूल आकार से 0.116-हेक्टेयर तक कम हो गया है।
डीएफओ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि झील की भूजल की झील संवर्धन, वनस्पति और क्षेत्र की पारिस्थितिक स्थिरता में सकारात्मक भूमिका है और झील को संरक्षित करने की आवश्यकता है।
एनजीटी ने चमोली के डीएम को आसपास के क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और बेनीताल झील और उसके जलग्रहण क्षेत्र के संरक्षण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। नाजुक हिमालयी क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए, एनजीटी ने वेटलैंड नियम, 2017 और दिशानिर्देश 2020 का पालन करने के निर्देश भी दिए थे।

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