Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jim Corbett National Park: कार्बेट में पहली बार जीपीएस व ड्रोन से सफारी की निगरानी, नियमों की अनदेखी के चलते बरती जा रही सख्ती

    By trilok rawatEdited By: riya.pandey
    Updated: Sat, 18 Nov 2023 03:25 PM (IST)

    Jim Corbett National Park विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क में 15 नवंबर से नाइट स्टे के अलावा ढिकाला व दुर्गादेवी पर्यटन जोन खुल चुके हैं। जबकि बिजरानी झिरना ढेला व गिरिजा पर्यटन जोन पहले ही सफारी के लिए पिछले महीने खुल गए थे। पार्क में नियमों के साथ सफारी हो इसके लिए पर्यटकों को जागरूक किया जा रहा है। हालांकि पर्यटकों को गाइड जानकारी देता है लेकिन ...

    Hero Image
    कार्बेट में पहली बार जीपीएस व ड्रोन से सफारी की निगरानी

    त्रिलोक रावत, रामनगर। Jim Corbett National Park: कार्बेट नेशनल पार्क में पर्यटन सीजन पूरी तरह सुचारु हो चुका है। पिछले पर्यटन सत्र में नियमों की अवहेलना के 90 मामले पकड़ में आने के बाद जहां पर्यटकों की जिप्सियों पर हाइटेक तरीके निगरानी होगी वहीं पर्यटकों को भी विभाग नियमों का पाठ पढ़ा रहा है। वहीं पहली बार पर्यटकों की जिप्सियों पर नजर रखने को डोन फोर्स गठित की गई है। जीपीएस (ग्लोबल पोजिशन सिस्टम) से भी सफारी में जिप्सियों की मूवमेंट टेक हो रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क में 15 नवंबर से नाइट स्टे के अलावा ढिकाला व दुर्गादेवी पर्यटन जोन खुल चुके हैं। जबकि बिजरानी, झिरना, ढेला व गिरिजा पर्यटन जोन पहले ही सफारी के लिए पिछले महीने खुल गए थे। पार्क में नियमों के साथ सफारी हो इसके लिए पर्यटकों को जागरूक किया जा रहा है।

    हालांकि पर्यटकों को गाइड जानकारी देता है, लेकिन विभाग द्वारा ढिकाला के धनगढ़ी व बिजरानी गेट पर बड़ी एलईडी के जरिये भी पर्यटकों को वीडियो के माध्यम से नियमों की जानकारी दी जा रही है। पार्क में संचालित जिप्सियों में से डेढ़ सौ जिप्सियों में जीपीएस लगाया गया है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि कर्मचारी गश्त तो करेंगे ही साथ ही दो डोन कैमरे से नभ से भी जिप्सियों की निगरानी हो रही है।

    ऐसे काम करेगा जीपीएस

    जीपीएस के जरिये जिप्सियों की स्पीड व लोकेशन, सफारी रूट पर चलने आदि की जानकारी कार्बेट मुख्यालय तक लाइव पहुंचेगी। सफारी में जीपीएस आफलाइन भी काम करते हुए डेटा जमा करता रहेगा, जहां पर नेट के सिग्रल होंगे वहां पर वह डेटा अपलोड कर कार्बेट मुख्यालय में पहुुंचा देगा। इससे पता चल जाएगा कि कितनी गाड़ी स्पीड से चली। किसकी लोकेशन कहां पर थी। सफारी रूट से हटकर कौन जिप्सी चली आदि।

    ये है सफारी के नियम

    • जिप्सी में गाइड के साथ सफारी करेंगे
    • वन क्षेत्र में जिप्सी की 20 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड होगी
    • एक ही स्थान पर कई जिप्सियां खड़ी नहीं होंगी।
    • जिप्सी खड़ी कर वन्य जीवों का रास्ता नहीं रोकेंगे
    • पांच मिनट से ज्यादा वन्य जीव नहीं देखेंगे
    • 20 मीटर दूर से वन्य जीवों को देखेंगे
    • सफारी में पेड़ से फल पत्ता व टहनी नहीं तोड़ेंगे
    • जंगल में अग्रेय शस्त्र नहीं ले जाएंगे
    • जंगल में जिप्सी से नीचे नहीं उतरेंगे
    • जिप्सियों का हार्न नहीं बजायेंगे, शोर नहीं करेंगे
    • वन क्षेत्र में कूड़ा नहीं फेकेंगे
    • पर्यटन वर्जित क्षेत्र में सफारी नहीं करेंगे

    यह भी पढ़ें - Haldwani: वन विभाग के दावे हुए फेल, बागेश्वर में एक भी बाघ नहीं; मर गए 83 गुलदार

    रामनगर निदेशक सीटीआर डॉ. धीरज पांडे के अनुसार, कार्बेट पार्क में पर्यटकों को नियमों के पालन के लिए जोर दिया जा रहा है। पिछले सत्र में नियम तोड़ने के कई मामले सामने आए हैं। इस पर गेट पर पर्यटकों को एलईडी में वीडियो के जरिये नियमों की जानकारी दी जाएगी। डोन व जीपीएस से भी जिप्सी की मूवमेंट देखी जाएगी। पिछले तीन महीनों में गाइड व चालकों के 15 प्रशिक्षण शिविर कराए हैं। जिसमें सफारी के दौरान नियमों का पालन कराने के लिए जानकारी दी गई। 

    यह भी पढ़ें - Uttarakhand: राजाजी टाइगर रिजर्व में बढ़ेगा बाघों का कुनबा, कार्बेट पार्क से भेजे जाएंगे तीन और बाघ