Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्कूल की दीवार बनी किताब, चुटकी में हल हुए कठिन सवाल

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 03 Nov 2018 02:54 PM (IST)

    बागेश्वर के गरुड़ तहसील के एक इंटर कॉलेज में एक नए तरह का प्रयोग किया गया है। यहां पर विज्ञान की जटिलताओं को दूर करने के लिए दीवार पत्रिका का निर्माण किया है।

    स्कूल की दीवार बनी किताब, चुटकी में हल हुए कठिन सवाल

    नैनीताल (जेएनएन) : यह मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि यदि बच्चे को मनोरंजक ढंग से पढ़ाया जाए या कुछ भी बताया जाए तो वह जल्दी समझ में आता है और जल्दी भूलता भी नहीं है। इसी आधार पर शिक्षण संस्थानों में तमाम नवाचारों का प्रयोग हो रहा है। एनसीईआरटी, सीबीएसई आदि संस्थाएं भी अपने एजेंडे में रटंत प्रणाली से बाहर आने की बात कहती हैं। इसी को ध्यान में रखकर बागेश्वर के गरुड़ तहसील के तरुश्री पुरस्कार प्राप्त पदम सिंह परिहार राइंका वज्यूला में एक नए तरह का प्रयोग किया गया है। यहां पर विज्ञान की जटिलताओं को दूर करने के लिए भौतिक विज्ञान प्रवक्ता एवं प्रभारी प्रधानाचार्य के नेतृत्व में विद्यालय में विज्ञान आधारित दीवार पत्रिका का निर्माण किया है। जिसमें इंटर विज्ञान के जटिल सूत्रों, प्रयोगों व संबोधों को चित्रों के माध्यम से दीवार पर उकेरा गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पत्रिका का उद्घाटन करते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य आलोक पांडे ने इसे विज्ञान के सरलीकरण के लिए सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा होगी। उन्हें विषय की जटिलता से भी निजात मिलेगी। हम समय-समय पर कई नवाचारों का प्रयोग करते हैं। विज्ञान दीवार पत्रिका का निर्माण भी इसी के तहत किया गया है। पत्रिका के निर्माण में प्रवक्ता ममता रानी का अहम योगदान रहा। उन्होंने बताया कि वह बच्चों को रसायन विज्ञान की पढ़ाती है। कई बच्चों को रसायनिक सूत्रों पर आधारित प्रश्नों को समझने में परेशानी होती थी। जिससे उनके मन में इसे सरल बनाने का विचार आया। उन्होंने बच्चों से इस बावत बात की। उन्हें समझाया कि विषय को कठिन मानने से समस्या का हल नहीं होगा। बच्चों के सहयोग से विज्ञान पर आधारित दीवार पत्रिका के निर्माण का कार्य शुरू किया गया। जिसमें बच्चों की रुचि के अनुरूप विषय को सरल बनाकर शामिल किया गया। पत्रिका में भौतिक व रसायन विज्ञान के कई महत्वपूर्ण सूत्र व जटिल सवालों को सरलता से प्रस्तुत किया गया है।

    बच्चों ने भी पत्रिका के निर्माण को विषय के सरलीकरण के लिए अच्छा बताया। उनका कहना है कि अब स्कूल में आते-जाते, खेलते या फिर खाने के समय भी दीवार पर नजर पड़ती है तो कई सूत्र यूं ही याद हो गए। इस तरह से जिस पाठ के लिए हफ्तों लग जाते हैं वह एक दो दिन में समझ में आ गया। अब सूत्रों को जानने के लिए बार-बार किताब का सहारा नहीं लेना होगा। दीवार पर अंकित होने के चलते इन्हें याद करने में भी आसानी होगी। इस मौके पर हरीश फर्सवाण, रघुवर ङ्क्षसह नेगी, राजेश्वरी कार्की सहित बच्चे, शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे।

    यह भी पढ़ें : यूटीईटी के 8188 आवेदन पत्रों पर लटक रही निरस्तीकरण की तलवार

    यह भी पढ़ें : मां का सपना 13 साल की उन्नति ने किया पूरा, बैठेंगी केबीसी की हॉट सीट पर