रोडवेज अधिकारियों की लापरवाही के कारण होली पर सड़कों पर नहीं निकल सकीं नई बसें
टाटा की बसों से विवाद छूट नहीं रहा है। खामियां दुरुस्त कर होली में संचालन के लिए लौटी बसें आरटीओ में सरेंडर के चलते सड़कों पर उतर नहीं सकीं।
काशीपुर, जेएनएन : टाटा की बसों से विवाद छूट नहीं रहा है। खामियां दुरुस्त कर होली में संचालन के लिए लौटी बसें आरटीओ में सरेंडर के चलते सड़कों पर उतर नहीं सकीं। अब इन बसों के सड़कों पर आने के लिए पहले आरटीओ देहारादून से सरेंडर कागजात को रिलीज कराना होगा। होली पर आरटीओ कार्यालय बंद रहेगा। ऐसे में अब कागजात 11 मार्च के बाद ही मिलने के बाद बसें सड़कों पर दौड़ सकेंगी। रोडवेज अधिकारी होली के मद्देनजर इन बसों को शुरू करने का दम भर रहे थे लेकिन निगम की हकीकत सामने आ गई है।
होली पर अतिरिक्त बसें चलाने की थी तैयारी
खराबी के कारण टाटा को वापस की गईं बसों की वापसी को रोडवेज मुख्यालय ने मंजूरी दे दी थी। दिसंबर में रोडवेज ने टाटा को 150 नईं बसें लौटा दी थी। इन बसों को टाटा के पंतनगर प्लांट में दुरुस्त किया गया और जनवरी में 15 बसों को ट्रायल के लिए भेजा गया था। दो माह के ट्रायल में ये बसें सफल रहीं और रोडवेज ने इनकी रिपोर्ट सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआइआरटी) को भेजी। वहां से हरी झंडी मिलने पर रोडवेज प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने टाटा को 135 बसों को वापस डिमांड की थी। इन बसों को होली से मार्गों पर संचालित करने की बात कही गई थी। लेकिन आलम यह है कि सवारियां बसों का इंतजार कर रही हैं और बसें डिपों में खड़ी हैं। काशीपुर डिपो में 34 बसों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन अतिरिक्त बसें रूट पर नहीं लगाई जा सकीं।
इसलिए हुआ था कागजात सरेंडर
रोडवेज बसों को संचालित करने का हर माह को रोड टैक्स आरटीओ में जमा करता है। लिहाजा जब इन बसों में खराबी आई तो कागजात सरेंडर कर दिए गए थे। जिससे रोड टैक्स का भार रोडवेज पर न पड़े। बसें जब वापस सड़कों पर चलानी हैं तो पहले से सरेंडर कागजात को रिलीज कराना होगा। ऐसे में आरटीओ कार्यालय खुलने के बाद कागजात रिलीज के बाद ही इन बसों को सड़कों पर दौड़ाया जा सकेगा। चूंकि बसों का रजिस्ट्रेशन देहरादून का है ऐसे में ये रिलीज भी दून से ही होंगे। एके सैनी, एआरएम, काशीपुर ने बताया कि टाटा की चार बसों की वापसी काशीपुर डिपों को हुईं हैं। कागजात सरेंडर के चलते इन बसों के रिलिज पेपर नहीं मिल जाते तब तक इन बसों को रूटों पर नहीं लगाया जा सकता।
कागजात रिलीज होने के चक्कर में खड़ी 40 बसें
होली में यात्रियों को राहत देने के मकसद से टाटा की बसों की वापसी की जा रही थी। पहले फेस में प्रदेश में 40 बसे रिलीज की गईं थी। रोडवेज के एमडी दीपक जैन ने बताया कि पहले फेस में 40 बसें डिपों में भेजी गईं हैं। कागजात रिलीज की प्रक्रिया के लिए आवेदन किया गया है। कागाजात रिलीज होते ही सड़कों पर दौड़ेंगी बसें।
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