Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चेयरमैन पत्नी की कुर्सी खुद संभाल रहा था पति, जांच हुई तो कुर्सी से धोना पड़ सकता है हाथ

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 30 May 2019 11:23 AM (IST)

    पिछले साल प्रदेश में निकाय चुनाव हुए थे। इसमें नगर पालिका महुआखेड़ागंज के चेयरमैन पद पर नसीमा बेगम चुनी गई थीं। कुछ माह बाद उनकी कुर्सी पर बैठकर उनके पति अपनी हुकूमत चलाने लगे थे।

    चेयरमैन पत्नी की कुर्सी खुद संभाल रहा था पति, जांच हुई तो कुर्सी से धोना पड़ सकता है हाथ

    काशीपुर/ऊधमसिंह नगर, जेएन  : जनता ने नसीमा बेगम पर विश्वास जताकर भारी मतों से जिता तो दिया, मगर यह ख्याल भी न आया कि बेगम बादशाह को सत्ता सौंपकर घर बैठ जाएंगी। ऐसे में बेगम की सत्ता पर बादशाह की हुकूमत जनता को नागवार गुजर रही है। यह सच मीडिया के भी सामने आ चुका है। ऐसे में बादशाह का बेगम की कुर्सी पर बैठकर सत्ता संभालना बेगम को भारी पड़ सकता है। इस मामले में यदि जांच बैठती है तो कानूनन बेगम भी अपनी कुर्सी से हाथ धो सकती हैं।  

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछले साल प्रदेश में निकाय चुनाव हुए थे। इसमें नगर पालिका महुआखेड़ागंज के चेयरमैन पद पर नसीमा बेगम चुनी गई थीं। कुछ माह बाद उनकी कुर्सी पर बैठकर उनके पति अपनी हुकूमत चलाने लगे थे। यह चर्चा काशीपुर तक भी पहुंच चुकी थी। इस पर मीडिया कर्मी मंगलवार को महुआखेड़ागंज नगर पालिका पहुंचे तो चर्चा में सच्चाई दिखी। चेयरमैन नसीमा बेगम की कुर्सी पर उनके पति लोगों के सामने अपनी हुकूमत दिखा रहे थे। 

    क्या कहता है नियम

    नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा नौ के तहत नगर पालिका की संरचना के अंतर्गत लोक सभा, राज्य विधान सभा, राज्य सभा एवं राज्य विधान परिषद के सदस्यों के पदेन सदस्य न तो किसी बैठक में प्रतिभाग कर सकते हैं और न ही वह जनप्रतिनिधि की कुर्सी पर बैठ सकते हैं। इसके बावजूद भी चेयरमैन के पति उनकी कुर्सी पर बैठकर नियमों की अनदेखी कर रहे थे।

    जब अधिकारियों का नहीं उठा फोन 

    कार्रवाई के संबंध में जब संयुक्त मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना को कॉल किया गया तो उन्होंने कई बार कॉल करने के बाद भी रिसीव नहीं किया। इसके बाद जिलाधिकारी ऊधमङ्क्षसह नगर को भी दो बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी। मामला संज्ञान में आने के बाद भी अधिशासी अधिकारी से लेकर उच्चाधिकारी तक बचते नजर आ रहे हैं।  

    शिकायत मिली तो मामले की जांच कराई जाएगी

    मदन कौशिक, शहरी विकास मंत्री, उत्तराखंड सरकार ने कहा कि जनप्रतिनिधि की कुर्सी पर उनके पति/पत्नी/प्रतिनिधि का बैठना असंवैधानिक है। यदि इस मामले में कोई प्रार्थना-पत्र मिलता है तो उसकी जांच कराई जाएगी। मामला सही पाए जाने पर चेयरमैन को उनके पद से भी हटाया जा सकता है। 

    यह भी पढ़ें : नशेड़ी ने मां बेटे को बेरहमी से लाठी से पीटपीट कर मार डाला, ससुर व बहू की भी हत्‍या की कोशिश

    यह भी पढ़ें : निलंबित रजिस्ट्रार की पत्नी व एनजीओ संचालकों को हाई कोर्ट का झटका, जानिए क्‍या हुआ

    लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

    comedy show banner
    comedy show banner