नंदा गौरा कन्याधन योजना : अब 11 हजार रुपये की मिलेगी प्रथम किस्त
अब बालिका के जन्म के समय प्रथम किस्त के रूप में 11 हजार रुपये मिलेंगे जबकि पहले जन्म के समय 21 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया गया था।
हल्द्वानी, जेएनएन : महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से बालिकाओं के लिए संचालित नंदा गौरा कन्याधन योजना में गुरुवार को दूसरी बार संशोधन किया गया। अब बालिका के जन्म के समय प्रथम किस्त के रूप में 11 हजार रुपये मिलेंगे, जबकि पहले जन्म के समय 21 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया गया था।महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं को एकीकृत कर अप्रैल 2017 में नंदा गौरा कन्याधन योजना शुरू किया गया, जिसमें उत्तराखंड में निवास करने वाले पात्र परिवार की दो बालिकाओं को 62 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। पहले यह धनराशि 51 हजार रुपये थी। पहले यह धनराशि जन्म से लेकर बालिका के विवाह तक सात किस्तों में मिलती थी, लेकिन सात फरवरी को इसमें संशोधित कर जन्म के समय 21 व 12वीं उत्तीर्ण करने पर 30 हजार रुपये कर दिया गया। अब 21 फरवरी को शासन ने फिर से योजना के तहत मिलने वाली धनराशि को संशोधित कर दिया। अब जन्म के समय 11 हजार रुपये की प्रथम किस्त मिलेगी और अविवाहित बालिका का 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रुपये की धनराशि डायरेक्टर बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से बालिकाओं के बैंक खाते में मिलेगी।
आय प्रमाण पत्र न बनने से लटकी योजना
नंदा गौरा कन्याधन योजना के आवेदन पत्र जमा नहीं हो पा रहे हैं। बीती चार फरवरी से प्रदेश के पांच जिलों में लेखपाल महासंघ ने दाखिल-खारिज व आय प्रमाण पत्र जारी करने का बहिष्कार किया हुआ है। इसमें नैनीताल जिले की विभिन्न तहसीलों में कार्यरत लेखपाल भी शामिल हैं। योजना का लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्र अनिवार्य है।बालिका के जन्म के तीन माह के भीतर योजना के तहत आवेदन करना होता है, तभी बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिल पाएगा, लेकिन आय प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण बीती चार फरवरी से एक भी आवेदन पत्र जमा नहीं हो पाया। ऐसे में उन बालिकाओं के अभिभावकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है, जिनका जन्म दिसंबर माह में हुआ और आवेदन करने के लिए तीन माह की समय सीमा समाप्त होने वाली है।
चालू वित्त वर्ष में 1206 आवेदक
नंदा गौरा कन्या धन योजना के अंतर्गत बाल विकास विभाग के हल्द्वानी ग्रामीण क्षेत्र में प्रथम किस्त के 578, दूसरी किस्त के 408, स्नातक उत्तीर्ण के बाद 140 और विवाह के पश्चात पात्र लाभार्थियों की संख्या 80 के करीब है। इन सभी ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है, जिनमें से कई पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है। सीडीपीओ चंपा कोठारी के अनुसार आय प्रमाण पत्र न होने के कारण आवेदन पत्र जमा नहीं हो पा रहे हैं। योजना की पात्रता के लिए यह जरूरी है। इसके साथ ही नया संशोधित शासनादेश प्राप्त हो गया है। उत्तराखंड लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष तारा दत्त घिल्डियाल का कहना है कि प्रदेश के पांच जिलों में लेखपालों का कार्यबहिष्कार जारी है। दाखिल-खारिज व आय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं, जब तक महासंघ की मांगों पर विचार नहीं किया जाता कार्यबहिष्कार जारी रहेगा।
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