नानकमत्ता साहिब ने गरीबों को कराया भोजन, बोले-प्रशासन कहे तो किसी को भूखे पेट न साेने दें
कोरोनावायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बाद बने हालात में नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब ने सेवा भाव के लिए कदम बढ़ा दिए हैं।
सितारगंज, जेएनएन : कोरोनावायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बाद बने हालात में नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब ने सेवा भाव के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। निर्धनों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए गुरुद्वारे के लंगर हाल में भोजन पैकेट तैयार किए जाने लगे हैं। गुरुवार को गुरुद्वारे ने भोजन के 100 पैकेट तैयार करके उकरौली क्षेत्र में रहने वाले 100 निर्धन परिवारों को पैकेट उपलब्ध कराए हैं । गुरुद्वारा प्रबंधन का कहना है यदि सरकार उन्हें इजाजत दें तो वह प्रदेश के सभी आठों जिले में निर्धनों को भोजन पैकेट उपलब्ध करा देंगे। किसी गरीब को भूखे पेट नहीं सोने देंगे।
गांव में सौ पैकेट भोजन बांटे
कोरोना वायरस से जहां पूरा विश्व हलकान है वहीं श्री गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब कमेटी ने प्रशासन की हर संभव मदद करने के लिए इस संकट की घड़ी में प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करने की अपील की है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नानकमत्ता ने गुरुवार को प्रशासन की अनुमति से 100 पैकेट लंगर को तैयार कर सितारगंज क्षेत्र के उकरौली गांव में बांटने की व्यवस्था की। साथ ही साथ कमेटी ने कहा प्रशासन हमसे जिस भी तरीके का सहयोग चाहेगा हम उसके लिए प्रशासन के साथ दिन रात खड़े हैं। यदि प्रशासन चाहे तो हम आठ जिलों में जाकर वहां पर स्थानीय लोगों के लिए लंगर भेजने की व्यवस्था भी करेंगे।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने लंगर के पैकेट तैयार किए
कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने लंगर के पैकेटो को तैयार करने का कार्य किया। इस दौरान सेवादारों ने हाथों को सैनिटाइज कर वा मास्क लगाकर एक मीटर की दूरी में बैठकर उन्हें पैकिंग करने का कार्य किया। इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सचिव प्रीतम सिंह संधू ,प्रबंधक रणजीत सिंह, सुखवंत सिंह भुल्लर, महेंद्र सिंह, बलदेव सिंह चीमा, रणजीत सिंह ढिल्लों मौजूद थे।
चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहे लोग
संकट की यह ऐसी घडी की है कि चाहकर भी लोग दूसरों की मदद नहीं कर पा रहे हैं। दिहाडी मजदूर, ठेला लगाने वाले, रेस्टोरेंट में काम करने वाले काम रोजगार ठप होने के कारण बेबश हो गए हैं। इनके लिए दो जूद की रोटी का इंतजाम करना तक मुश्किल हो रहा है। ऐसेे में बहुत सारे लोग हैं जो इनकी मदद करना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन अौर संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए मजबूर हैं।
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