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मां-बेटा जीते और मां-बेटी हारीं, चौंकाने वाले रहे पार्षद प्रत्याशियों के परिणाम

निकाय चुनाव में एक घर के दो लोगों ने जीत का जश्न मनाया तो किसी परिवार को हार का मुंह भी देखना पड़ा। वहीं, एक दमदार प्रत्याशी अपनी पत्नी को जिताने की खातिर खुद की सीट गंवा बैठे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:22 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 07:10 PM (IST)
मां-बेटा जीते और मां-बेटी हारीं, चौंकाने वाले रहे पार्षद प्रत्याशियों के परिणाम
मां-बेटा जीते और मां-बेटी हारीं, चौंकाने वाले रहे पार्षद प्रत्याशियों के परिणाम

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : निकाय चुनाव में एक घर के दो लोगों ने जीत का जश्न मनाया तो किसी परिवार को हार का मुंह भी देखना पड़ा। वहीं, एक दमदार प्रत्याशी अपनी पत्नी को जिताने की खातिर खुद की सीट गंवा बैठे।

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चुनावी रण में तीन परिवारों के दो-दो सदस्य अगल-बगल के वार्ड से मैदान में खड़े थे। बनभूलपुरा क्षेत्र में दो वार्डों पर खड़े मां-बेटे को जीत नसीब हुई। वार्ड 25 से बेटा जिशान परवेज व वार्ड 26 से मां कम्मोरानी पार्षद चुनकर आई। वहीं, भाजपा नेता दिनेश रंधावा ने पार्टी के सिंबल पर पत्नी चंपा रंधावा को वार्ड 13 व बेटी प्रतिभा को वार्ड 12 से चुनावी मैदान में उतारा था। रंधावा जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे, लेकिन पत्नी व बेटी दोनों को मतदाताओं ने नकार दिया। इसके अलावा वार्ड 31 से चुनाव लड़ रहे शकील सलमानी को हार का सामना करना पड़ा। जबकि उनकी पत्नी फईम जेबा सलमानी वार्ड 32 से जीतने में कामयाब रही।

रिजल्ट से पहले बांटा प्रेस नोट

पार्षद प्रत्याशी शकील सलमानी को विश्वास था कि वार्ड के लोग उन्हें जरूर जिताएंगे। शकील जनता से जुड़े हर काम को लेकर हमेशा सक्रिय रहते थे। विजय सुनिश्चित मानकर चल रहे शकील ने खुद व पत्नी की सीट का परिणाम निकलने से पहले मतदाताओं का आभार व्यक्त करने के लिए मतगणना स्थल पर मौजूद मीडिया कर्मियों को विज्ञप्ति भी थमा दी, लेकिन रिजल्ट निकलने पर वह खुद हार गए।

इन पार्षदों पर जताया फिर भरोसा

निकाय चुनाव में जनता ने सात पार्षदों को दोबारा मौका दिया। इनमें वार्ड (21) से गुरफान, नरेंद्र जीत सिंह रोडू (6), धीरेंद्र रावत (7), मनोज गुप्ता (18), लईक कुरैशी (24), फईम जेबा सलमानी (32), कम्मोरानी (26) शामिल रहे।

इन्हें करना पड़ा हार का सामना

दूसरी बार नगर निगम पहुंचने का सपना पाले पार्षद के चार प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। इनमें वार्ड 13 से चंपा रंधावा, वार्ड नौ से बीना जोशी, वार्ड 23 से शाहजहां बेगम व वार्ड 29 से कमरुनिशां जीत नहीं सकी।

इमरान सबसे कम उम्र का पार्षद

बरेली रोड स्थित वार्ड 28 से इमरान खान ने भाजयुमो के पूर्व नगर अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा को हराया। 25 साल के इमरान सबसे कम उम्र के पार्षद बने। इमरान ने बताया कि पिछले एक साल से वह चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे। इमरान ऊर्जा निगम में ठेकेदारी करते हैं।

यूकेडी का पार्षद सदन में पहुंचा

वार्ड आठ कुल्यालपुरा से रवि वाल्मीकि ने जीत दर्ज कर निगम में यूकेडी का खाता खोला। रवि उक्रांद में कई पदों पर रह चुके हैं।

पत्नी की जीत में सारथी बने राजेंद्र व विपिन

निवर्तमान पार्षद राजेंद्र सिंह नेगी ने महिला सीट होने की वजह से वार्ड 19 मल्ला गोरखपुर की सीट से पत्नी अनुराधा व वार्ड दो से निवर्तमान पार्षद विपिन जोशी ने पत्नी अंजू को चुनाव मैदान में उतारा। दोनों जीत के लिए सारथी बनकर मैदान में डटे रहे।

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