नैनीताल में कमरे में अंगीठी जलाकर से रहे मां-बेटे की मौत, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये काम
बंद कमरे में अंगीठी जलाना एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ। नैनीताल के समीपवर्ती गांव गेठिया में कोयले की गैस से एक महिला और उसके दो साल के मासूम बेटे की मौत हो गई।
नैनीताल, जेएनएन : बंद कमरे में अंगीठी जलाना एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ। नैनीताल के समीपवर्ती गांव गेठिया में कोयले की गैस से एक महिला और उसके दो साल के मासूम बेटे की मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने पर दोनों को हल्द्वानी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही मां-बेटे दम तोड़ चुके थे। इस वर्ष कुमाऊं में बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने के कारण अब तक तकरीबन आधा दर्ज से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
दिनेशपुर का रहने वाला है परिवार
दिनेशपुर निवासी राजेंद्र उर्फ राजू अपने परिवार के साथ नैनीताल के गेठिया गांव में एक व्यवसायिक भवन में चौकीदारी करता था। निर्माणाधीन भवन में शनिवार रात राजू की पत्नी सारिका (22) अपने बेटे (2) के साथ कमरे में अंगीठी जलाकर सोई थी। बंद कमरे में अंगीठी के कारण ऑक्सीजन खत्म होने और जहरीली गैस फैलने से दोनों अचेत हो गए। अनन-फानन में दोनों को हल्द्वानी उपचार के लिए लाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही मां-बेटे ने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर तल्लीताल नैनीताल के एसओ विजय मेहता पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि राजू बीते कुछ समय से गेठिया क्षेत्र में रामपुर के किसी व्यावसायिक भवन में चौकीदारी का काम करता था।
बागेश्वर में टेंट के अंदर अंगीठी जलाकर सोए थे, सुबह मृत मिले
बागेश्वर जिले में टेंट के अंदर अंगीठी जलाकर साेए नेपाली दंपती की पिछले दिनों दम घुटने से मौत हो गई थी। मूलरूप से नेपाल के बड़लम, दुल्लू निवासी गोपी सुनार (39) पुत्र पदम सिंह सुनार और उसकी पत्नी कमला देवी (35) कांडा तहसील के टकनार गांव में मजदूरी करते थे और टेंट में रहते थे। स्थानीय लोगों के अनुसार ठंड बढऩे के कारण वे टेंट के भीतर ही अंगठी जलाकर सो गए। रात भर आग जलती रही और आग से निकलने वाले धुएं से वे बेहोश हो गए। अगले दिन जब टेंट में किसी भी प्रकार की हलचल नहीं हुई तो स्थानीय लोगों ने उनकी कुशल जानने की कोशिश की और टेंट के भीतर झांका तो वे दंग रह गए। दपंती मृत पड़े थे।
पिथौरागढ़ में भी चली गई थी बाप-बेटे की जान
पिछले दिनों पिथाैरागढ़ में नेपाली परिवार के धनवीर सिंह और उसके 38 दिन के बेटे की अंगीठी की गैस लगने से माैत हो गई थी। नेपाल के बैतड़ी जिले का रहने वाला परिवार पिथाैरागढ में रई पुल के निकट किराये के मकान में रहता था। परिजन बंद कमरे में रात को अंगीठी जलाकर सो रहे थे। जिसके कारण रात में ही पति और बेटे की दम घुटने से मौत हो गई। हाइसे में सास और बहू की हालत भी काफी गंभीर हो गई थी। जिन्हे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बंद करने में अंगीठी जलाकर कभी न सोएं
सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के जतन करेंगे। कमरों को गर्म रखने के लिए, अलाव, अंगीठी और हीटर जैसे उपकरण जलाए जाएंगे। लेकिन कमरों को गर्म रखने के लिए ये जतन आपके लिए जानलेवा भी हो सकते हैं। आप ऐसा करते हैं तो अलर्ट रहें। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कॉर्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित होता है। अंगीठी ही नहीं, इस तरह का खतरा रूम हीटर से भी हो सकता है।
कम हो जाता है कमरे में आक्सीजन का लेवल
कोयला या अलाव जलाने से कार्बन के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं। कोयला बंद कमरे में जल रहा हो, तो इससे एन्वायरनमेंट में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन, ब्रेन पर सीधे असर डालता है और सांसों के जरिए बॉडी के अंदर भी पहुंचता है। ब्रेन पर असर होने से कमरे में सोया कोई भी इंसान बेहोश हो सकता है। ब्लड में यह कार्बन घुलकर धीरे-धीरे ऑक्सीजन को कम कर देता है। बंद कमरे में लंबे समय तक ब्लोअर या हीटर जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है और नमी का लेवल कम हो जाता है। इस वजह से नॉर्मल लोगों को भी सांस संबंधी समस्या हो सकती है। अगर आप हीटर का प्रयोग करते हैं, तो कमरे में एक बाल्टी पानी रखें, जिससे कुछ हद तक नमी बनी रहे।
अंगीठी जलाने से पहले रहें अलर्ट
- घर में वेंटिलेशन हो तभी अलाव, हीटर या ब्लोअर चलाएं
- अलाव जलाकर उसके पास न सोएं
- साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें
- आग जलाएं तो जमीन पर सोने से बचें
- घर में अगर कोई बच्चा हो, तो आग न जलाएं तो ज्यादा बेहतर है
- यदि रात में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं, तो इनके करीब प्लास्टिक, कपड़े, केमिकल्स न हो
- ढीले प्लग, कटे तार से भी हादसा हो सकता है
इस वजह से चली जाती है जान
हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। गर्मी से धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा होने लगता है। यह जहरीली गैस सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और बेहोशी छाने लगती है और इंसान की मौत हो जाती है। अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं, क्योंकि ज्यादा लोग होने से कमरे में ऑक्सीजन की और कमी हो जाती है।
यह बरतें सावधानी
अगर आप ब्लोअर या हीटर का प्रयोग करते हैं तो इसे थोड़े समय के लिए ही करें। इससे एक ओर कमरे की नमी बनी रहेगी और आपके शरीर को भी नमी मिलती रहेगी। गर्म कमरे से अचानक बाहर जाने पर भी बीमार पड़ सकते हैं, इसलिए बाहर जाने से पहले यानी हीटर से अलग हटकर कुछ देर समय बीता लें, तब बाहर जाएं।
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