नैनीताल में नाबालिग संग दुष्कर्म: डाक्टर ने बगैर मेडिकल पीड़िता को भेजा घर; मां ने कहा था- 'पिता काट देंगे सिर'
Minor Rape in Nainital दुष्कर्म की घटना 12 अप्रैल की होने के बावजूद मामला 19 दिन बाद प्रकाश में आया। दुष्कर्म का मामला 30 अप्रैल की रात को सामने आते ही सूचना पूरे नैनीताल शहर में आग की तरह फैल गई और रात में ही आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। आरोपित 72 वर्षीय उस्मान निकला।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Minor Rape in Nainital: नैनीताल में 12 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। घटना 12 अप्रैल की होने के बावजूद मामला 19 दिन बाद प्रकाश में आया। इसका कारण आरोपित ठेकेदार उस्मान के खौफ और सामाजिक डर की बड़ी वजह सामने आई है।
वहीं 25 अप्रैल को पीड़िता को लेकर स्वजन महिला अस्पताल हल्द्वानी लाए थे। यहां उसकी काउंसलिंग तो हुई लेकिन डाक्टर ने भी पुलिस को सूचित नहीं किया। हालांकि डाक्टर ने पुलिस से शिकायत का सुझाव दिया था।
नैनीताल शहर में आग की तरह फैल गया मामला
दुष्कर्म का मामला 30 अप्रैल की रात को सामने आते ही सूचना पूरे नैनीताल शहर में आग की तरह फैल गई और रात में ही आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन, हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपित 72 वर्षीय उस्मान को गिरफ्तार कर लिया लेकिन दो दिन तक शहर में प्रदर्शन होते रहे।
25 अप्रैल को पीड़ित मासूम को लेकर उसकी मां और मौसी महिला अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने डाक्टर को दिखाने के लिए पर्ची बनवाई और करीब पौने दो बजे ओपीडी में पहुंचे। आरोपित की जान से मारने की धमकी से बच्ची इतनी घबराई हुई थी वह मां व मौसी के सामने बोलने में सहम जा रही थी।
ओपीडी में कार्यरत डा. मोनिका ने जब अकेले में उसकी काउंसलिंग की तो उसने पूरा सच उगल दिया था। 12 अप्रैल को आरोपित ने उसके साथ हैवानियत की क्या-क्या हदें पार की थी, यह सब उसने खुलकर बता दी थी। इसके बाद मां व मौसी को पुलिस में शिकायत करने और चिकित्सकीय परीक्षण का सुझाव दिया।
डाक्टर का कहना है कि दोनों ने चिकित्सकीय परीक्षण से इन्कार कर दिया और कहा कि अगर ऐसा पिता को पता चलेगा तो वह इसका सिर काट देंगे। इसके बाद दोनों घर को चले गए। हालांकि इसकी सूचना अस्पताल की ओर से भी पुलिस को देनी चाहिए थी, लेकिन नहीं दी गई।
स्वजन को पुलिस में शिकायत के लिए दिया था सुझाव
डा. मोनिका का कहना है कि उन्हें पुलिस को सूचित करना चाहिए था लेकिन पीड़िता की मां व मौसी के पिता का खौफ दिखाने की वजह से ऐसा नहीं कर सकीं। जबकि उन्होंने बच्ची की आधे घंटे से अधिक समय तक काउंसलिंग की।
उन दोनों को भी पुलिस से शिकायत करने और चिकित्सकीय परीक्षण के लिए भी सुझाव दिया था। साथ ही बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल में नहीं दिखाने का कारण भी पूछा था। इस पर मां का जवाब था कि वहां परिचित हैं। इसलिए हल्द्वानी आए हैं।
30 की रात काे बीडी पांडे में हुआ मेडिकल
जब दुष्कर्म के मामले में हल्ला मच गया। इसके बाद यानी 30 अप्रैल की रात को ही पीड़िता का मेडिकल परीक्षण बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल में ही कराया गया था।
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