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    नगर निगम के स्लॉटर हाउस पर ताला, बिना जांच के बिक रहा बाहर का मीट

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 22 Dec 2018 10:40 PM (IST)

    शहर में बिना किसी जांच के मीट बिक रही है, जबकि नियमों के अनुसार चिकन शॉप में केवल अधिकृत स्लाटर हाउस से लाए गए मीट की ही बिक्री होनी चाहिए।

    नगर निगम के स्लॉटर हाउस पर ताला, बिना जांच के बिक रहा बाहर का मीट

    हल्द्वानी, जेएनएन : सर्दी में मीट के शौकीनों को झटका लग सकता है। शहर में बिना किसी जांच के मीट बिक रही है, जबकि नियमों के अनुसार चिकन शॉप में केवल अधिकृत स्लाटर हाउस से लाए गए मीट की ही बिक्री होनी चाहिए, लेकिन नगर निगम ने स्लाटर हाउस का लाइसेंस रद होने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग से लाइसेंस का नवीनीकरण ही नहीं कराया, जिसकी वजह से स्लाटर हाउस में तीन महीने से ताला लटक रहा है। अब बिना जांच के ही मीट-मांस की बिक्री की जा रही है।
    हल्द्वानी-काठगोदाम बाइपास स्थित स्लाटर हाउस और इंद्रा नगर स्लाटर हाउस का लाइसेंस एक साल पहले खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला अभिहित अधिकारी नैनीताल ने निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी इसका संचालन होता रहा। तीन महीने पहले हाई कोर्ट ने राज्य के अवैध स्लाटर हाउसों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद नगर निगमों को अपने क्षेत्र के स्लाटर हाउस को मानकों के अनुसार तैयार करना था, लेकिन लंबा वक्त बीतने के बाद निगम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा।

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    इन मानकों को करना था पूरा
    मानकों के अनुसार, स्लाटर हाउस में बिजली, पानी का कनेक्शन होना चाहिए, लेकिन निगम एक साल बाद भी कनेक्शन तक नहीं करा पाया। जानवरों को बेहोश करने के लिए स्टनिंग गन और निकासी के लिए नालियों का निर्माण ही नहीं किया गया। स्लाटर हाउस में यह सभी व्यवस्थाएं पूरी कराना नगर निगम की जिम्मेदारी है, जिनका मानकों के अनुसार निर्माण करना था। यह मानक न होने की वजह से ही स्लाटर हाउस का लाइसेंस रद किया गया।

    बिना स्लाटर हाउस चल रहा व्यापार
    शहर में मीट की तकरीबन तीन सौ दुकानें हैं, जबकि सौ से ज्यादा चिकन शॉप हैं। पांच सौ से ज्यादा लोग इस कारोबार से जुड़े हैं। स्लाटर हाउस बंद होने बाद भी रोजाना शहर में दो क्ंिवटल मीट की खपत हो रही है। इतना बड़ा कारोबार होने के बाद भी स्लाटर हाउस नहीं है।

    बरेली स्लाटर हाउस से लाया जा रहा मीट
    किसी तरह की कार्रवाई से बचने के लिए मीट कारोबारी बरेली, किच्छा के स्लाटर हाउस से मीट ला रहे हैं। मीट कारोबारियों की माने तो बरेली के स्लॉटर हाउस की पर्ची दिखाकर ही शहर में मीट बेचा जा रहा है, जबकि कई छोटे मीट कारोबारियों की दुकानें काफी दिनों से बंद हैं। कारोबारियों का कहना है कि स्लाटर हाउस बंद होने से शहर में कुरैशी समाज की बड़ी आबादी बेरोजगार हो गई है।

    स्लाटर हाउस शुरू नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन
    स्लाटर हाउस के संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता सरताज आलम ने कुमाऊं कमिश्नर और जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि नगर निगम ने कुरैशी समाज के लोगों को बेरोजगार कर दिया है। अवैध स्लाटर हाउस होने के बावजूद निगम कुरैशी समाज के गरीब लोगों से राजस्व वसूलता रहा और उनकी सुविधा के लिए कुछ नहीं किया गया। यहां तक की नियमों की औपचारिकता भी पूरी न की गई। अगर जल्द इसे संचालित नही किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 

    मीट कारोबारी हैं पेरशान
    जावेद अहमद, अध्यक्ष मुर्गा बकरा मछली मीट व्यवसाय कल्याण समिति ने बताया कि मीट कारोबारी बहुत परेशान हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्लाटर हाउस बंद होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, निगम जल्द इसे शुरू करे।

    क्‍या कहते हैं अधिकारी
    लाइसेंस के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया पर तेजी से काम हो रहा है। जल्द ही मानकों के अनुसार आवेदन किया जाएगा।
    -विजेंद्र चौहान, सहायक नगर आयुक्त

    नगर निगम अगर मानकों के अनुसार स्लाटर हाउस तैयार कर आवेदन करेगा, तभी लाइसेंस जारी किया जाएगा। निरीक्षण के बाद ही विभाग लाइसेंस जारी करेगा।
    -कैलाश चंद्र टम्टा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, हल्द्वानी

    स्लाटर हाउस बंद है। हमारा काम केवल स्लाटर हाउस में लाए गए पशुओं की जांच करना है। मानक पूरे करना निगम का काम है।
    -डॉ. डीसी जोशी, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, हल्द्वानी
     

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