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    बाघ से संघर्ष में तेंदुए की मौत, गश्त के दौरान वनकर्मियों को नदी के पास दिखा शव NAINITAL NEWS

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 15 Sep 2019 08:33 AM (IST)

    बैलपड़ाव के जंगल में बाघ से हुए आपसी संघर्ष में अवयस्क गुलदार की मौत हो गई। मौके पर उनमें संघर्ष के कई निशान मिले हैं। उसका शव गश्त के दौरान वनकर्मियों को नदी के समीप पड़ा मिला।

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    बाघ से संघर्ष में तेंदुए की मौत, गश्त के दौरान वनकर्मियों को नदी के पास दिखा शव NAINITAL NEWS

    रामनगर, जेएनएन : बैलपड़ाव के जंगल में बाघ से हुए आपसी संघर्ष में अवयस्क तेंदुए की मौत हो गई। मौके पर उनमें संघर्ष के कई निशान मिले हैं। उसका शव गश्त के दौरान वनकर्मियों को नदी के समीप पड़ा मिला। 

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    तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत बैलपड़ाव रेंज में शनिवार को वन कर्मी गश्त पर थे। बैलपड़ाव के साउथ गेबुआ क्षेत्र में नदी किनारे झाड़ी में वन कर्मियों ने तेंदुए का शव पड़ा देखा। उन्होंने वनाधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद रेंजर संतोष पंत ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। गुलदार के शरीर में कई जगह चोट के निशान होने व आसपास झाड़ी दबी होने से बाघ से हुए संघर्ष में उसकी मौत का अनुमान लगाया गया। उसके शव को रामनगर स्थित वन परिसर के कार्यशाला में लाया गया। सीटीआर के पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार व आयुष उनियाल ने तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम किया। रेंजर पंत ने बताया कि तेंदुए की मौत बाघ से संघर्ष में हुई है। पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि संघर्ष में उसकी पसली भी टूटी है। जिस वजह से उसकी मौत हो गई। वह अवयस्क तेंदुए था। पोस्टमार्टम के बाद शव को कार्यशाला में ही जलाकर नष्ट कर दिया।

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