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    Kargil Vijay Diwas : ताेलोलिंग चोटी से फायरिंग करते रहे दुश्मन, गोली लगने के बाद भी आगे बढ़ते रहे मेजर विवेक गुप्ता

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 26 Jul 2022 10:47 AM (IST)

    Kargil Vijay Diwas 2022 सामरिेक रूप से बेहद महत्वपूर्ण ताेलोलिंग चोटी पर दुश्मनों ने कब्जा कर लिया था। भारतीय जवानों के लिए इसे मुक्त कराना बेहद चुनौतीपूर्ण था। चोटी को मुक्त कराने की जिम्मेदारी दो राजपूताना राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर विवेक गुप्ता (Martyr Major Vivek Gupta) को सौंपी थी।

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    Kargil Hero Major Vivek Gupta : कारगिल वार के हीरो मेजर विवेक गुप्ता !

    हल्द्वानी, ऑनलाइन डेस्क : Kargil Vijay Diwas 2022 : कारगिल का युद्ध भारतीय जवानों के पराक्रम और शौर्य की गाथा है। जिसके नायकों की वीरता और शहादत को सदियों तक आने वाली पीढ़ियों को सुनाया जाता रहेगा।

    करगिल युद्ध के ऐसे ही नायक थे देहरादून न‍िवासी कर्नल बीआरएस गुप्ता के बेटे मेजर विवेक गुप्ता (Major Vivek Gupta)। जिन्होंने तोलोलिंग पर फिर से कब्जा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी।

    ताेलोलिंग चोटी पर घुसपैठियों ने कर लिया था कब्जा

    कारगिल युद्ध शुरू हो चुका था। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाने वाली ताेलोलिंग चोटी (Tololing Peak) पर पाकिस्तान ने कब्जा जमा लिया था। दुश्मन चोटी पर काबिज थे जहां से लगातार गोलियां बरसा रहे थे। ऐसे में भारतीय जवानों को नीचे से चढ़कर चोटी को उनसे मुक्त करना बेहद चुनौतीपूर्ण था।

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    मेजर विवेक गुप्ता ने संभाली चोटी मुक्त कराने की कमान

    विषम परिस्थियों के बावजूद भारतीय जवानों का एकमात्र लक्ष्य तोलोलिंग चोटी पर अपना कब्जा जमाना था। तोलोलिंग पर नियंत्रण करने के लिए कमान अधिकारी ने दो राजपूताना राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर विवेक गुप्ता को सौंपी। पहाड़ियों से दुश्मनों को भगाकर वहां पहुंचने का निर्देश दिया। जिसके बाद मेजर विवेक (Kargil Hero Major Vivek Gupta) अपनी कंपनी के साथ आगे बढे़।

    12 जून की रात कंपनी के साथ निकले मेजर विवेक गुप्ता

    12 जून की रात मेजर विवेक गुप्ता और उनकी कंपनी तोलोलिंग की चोटी पर नियंत्रण करने रवाना हुई। दुश्मन चोटियाें से गोलियां बरसा रहे थे। जिनका सामना करते हुए मेजर विवेक गुप्ता ने अपने अदम्य वीरता और साहस का परिचय दिया। इस दौरान मेज को दो गोलियां लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वह बढ़ते रहे।

    13 जून को देश के लिए मेजर ने दी शहादत

    Vijay Diwas: घायल होने के बाद भी मेजर विवेक गुप्ता ने तीन दुश्मनों को ढेर किया और बंकर पर अपना कब्जा जमा लिया। वहां शान से भारतीय तिरंगा भी लहराया। देश की रक्षा के खातिर 13 जून को मेजर विवेक गुप्ता शहीद हो गए। उनके इस कार्य के लिए भारत सरकार ने मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया।

    60 दिनों तक चला कारगिल युद्ध

    26 जुलाई 2022 को कारगिल की जंग के 23 साल पूरे हो रहे हैं। मई 1999 की गर्मियों में कारगिल सेक्टर जो कुछ देखा गया उसके बाद से 60 दिनों तक भारत और पाकिस्तान की सेना आमने-सामने रही। कारगिल का वह हिस्सा अब लद्दाख में है। पहले जम्मू कश्मीर में आता था।

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