Kargil Vijay Diwas 2022 : कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 जवानों ने दी थी शहादत, बृजमोहन सिंह ने मार गिराए थे पांच दुश्मन
Kargil Vijay Diwas 2022 कारगिल युद्ध 1999 में उत्तराखंड के नायकों का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। प्रदेश के 75 जवानों देश की रक्षा करते हुए अपने अबिदान दिया था। इनकी शौर्य गाथाएं सदियों तक आने वाली पीढ़ियों काे सुनाई जाती रहेंगी।

हल्द्वानी, ऑनलाइन डेस्क : Kargil Vijay Diwas 2022 : 1999 के कारगिल युद्ध का जब भी जिक्र होगा उत्तराखंड के जवानों के बहादुरी और शहादत के किस्से पूरे सम्मान के साथ सुने-सुनाए जांएगे। कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन देश की सेना के दांत खट्टे कर दिए थे। इस दौरान राज्य के 75 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
मेजर विवेक गुप्ता ने गोली लगने के बाद भी दुश्मनों को ढेर कर बंकर पर किया कब्जा
कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) के दौरान 2 राजपूताना राइफल्स के मेजर विवेक गुप्ता (Major Vivek Gupta) के नेतृत्व में 12 जून की रात टोलोलिंग चोटी फतह करने के लिए कंपनी रवाना हुई। ऊंचाई पर बैठे दुश्मन से लड़ना कठिन था। फिर भी मेजर विवेक गुप्ता के नेतृत्व में कंपनी आगे बढ़ती रही। इस दौरान मेजर गुप्ता को दो गोलियां लगीं। घायल होने के बावजूद उन्होंने ने तीन दुश्मनों को ढेर कर बंकर पर कब्जा कर लिया। मेजर गुप्ता को मरणोपरांत युद्ध के दूसरा सर्वश्रेष्ठ वीरता पदक महावीर चक्र से अलंकृत किया गया।
मेजर राजेश सिंह अधिकारी घायल होने के बाद भी दो प्वाइंट 4590 पर कब्जा किया
18 ग्रिनेडियर के मेजर राजेश सिंह अधिकारी (Major Rajesh Singh Adhikari) ने अपनी कंपनी के साथ टोलोलिंग चोटी पर 30 मई को चढ़ाई शुरू की। 15 हजार फुट की ऊंचाई पर भारी बर्फ के बीच दुश्मन ने मशीन गन से उनपर हमला किया । गंभीर रूप से जख्मी हालत में दो बंकर ध्वस्त कर मेजर अधिकारी ने प्वाइंट 4590 पर कब्जा किया। मेजर अधिकारी के इस वीरता और बलिदान के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
पैरा कमांडो बृजमोहन सिंह ने पाच दुश्मन मार गिराए
स्पेशल फोर्सेज 9 पैरा के नायक बृजमोहन सिंह (Camando Brijmohan Singh) की अगुआई में चार्ली टीम ने कारगिल के मशकोह सब सेक्टर में एक जुलाई को हमला बोला। बेहतरीन पर्वतारोही नायक बृज ने ऊंचे बंकर पर चढ़ाई की और दो दुश्मनों को मार गिराया। इन्हें मरणोपरात वीरता चक्र से सम्मानित किया गया।
गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने दर्जन भर दुमनों को मार गिराया
Vijay Diwas : द्रास सेक्टर के प्वाइंट 4700 पर सर्वाधिक सैनिक शहीद हुए। 2 राजपूताना राइफल्स और 18 गढ़वाल राइफल्स के रणबाकुरों ने 30 जून की रात चोटी पर हमला बोला। 18 गढ़वाल के नायक कश्मीर सिंह, राइफलमैन अनसूया प्रसाद और कुलदीप सिंह दल का हिस्सा थे।
तीनों वीरों ने घायल होने के बावजूद दर्जन भर दुश्मनों को मार गिराया। इस युद्ध में हाथ से हाथ की लड़ाई में कश्मीर, अनसूया और कुलदीप ने अदम्य साहस दिखाया। जिसके लिए उन्हें मरणोपरात वीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस युद्ध में राइफलमैन देवेंद्र प्रसाद को सेना मेडल मिला।
नागा रेजीमेंट का ट्विन बंप पर फतह
छह और सात जुलाई को कारगिल में ट्विन बंप पर 2 नागा रेजीमेंट के सिपाही कैलाश कुमार, सिपाही राजेश गुरुंग, सिपाही संजय गुरुंग, नायक देवेंद्र सिंह ने चढ़ाई के दौरान दुश्मन की आर्टिलरी बमबारी के बीच बंप फतह करने में प्राण न्योछावर किए। नायक देवेंद्र सिंह को वीरता के लिए मेंशन इन डिस्पैच से अलंकृत किया गया।
किस जनपद से कितने शहीद
जनपद शहीद जवान
देहरादून 28
पौड़ी 13
टिहरी 08
नैनीताल 05
चमोली 05
अल्मोड 04
पिथौरागढ़ 04
रुद्रप्रयाग 03
बागेश्वर 02
उधमसिंहनगर 02
उत्तरकाशी 01
इन जवानों को मिला मेडल
महावीरचक्र विजेता - मेजर विवेक गुप्ता, मेजर राजेश अधिकारी।
वीरचक्र विजेता- कश्मीर सिंह, बृजमोहन सिंह, अनुसूया प्रसाद, कुलदीप सिंह, एके सिन्हा, खुशीमन गुरुंग, शशि भूषण घिल्डियाल, रुपेश प्रधान व राजेश शाह।
सेना मेडल विजेता- मोहन सिंह, टीबी क्षेत्री, हरि बहादुर, नरपाल सिंह, देवेंद्र प्रसाद, जगत सिंह, सुरमान सिंह, डबल सिंह, चंदन सिंह, मोहन सिंह, किशन सिंह, शिव सिंह, सुरेंद्र सिंह व संजय।
मेन्स इन डिस्पैच- राम सिंह, हरि सिंह थापा, देवेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, मान सिंह, मंगत सिंह, बलवंत सिंह, अमित डबराल, प्रवीण कश्यप, अर्जुन सेन, अनिल कुमार।
यह भी पढ़ें : कारगिल युद्ध में दुश्मनों से लड़ते हुए सात जुलाई की सुबह लांसनायक मोहन सिंह देश के लिए कुर्बान हो गए थे। पढ़ें उनके शौर्य की गाथा


कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।