Kainchi Dham Mela 2024: आज कोसी घाटी में उत्सव सा माहौल, तड़के से लगी लंबी लाइन, Baba Neem Karori को घर से बनाई इस खास चीज का लग रहा भोग
Kainchi Dham Mela 2024 अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर सुप्रसिद्ध कैंची क्षेत्र में शनिवार को तड़के से ही आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शनिवार को बाबा नीम करौरी के दर पर मत्था टेकने को लाखों भक्तों के कैंची धाम पहुंचने की उम्मीद है। कोसी घाटी से भी हजारों ग्रामीण परिवार संग बाबा के दरबार में पहुंचते हैं। कुछ लोगों ने मध्य रात्रि ही मुख्य गेट पर हनुमान चालीसा का पाठ किया।

संवाद सूत्र, जागरण, गरमपानी : Kainchi Dham Mela 2024: कैंची धाम स्थापना दिवस के मौके पर अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर सुप्रसिद्ध कैंची क्षेत्र में शनिवार को तड़के से ही आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे से भक्तों के बाबा के दर्शन का दौर शुरू हो गया था। कोसी घाटी से भी हजारों लोग बाबा के दर पर पहुंचे। खास बात यह है की प्रतिवर्ष 15 जून को स्थापना दिवस पर कोसी घाटी में भी उत्सव जैसा माहौल होता है।
आम से लेकर खास तक हर कोई बस अपने आराध्य बाबा नीम करौरी के दर पर पहुंचने को बेचैन रहता है। सुबह से शाम तक सूदूर गांवों से लोग सपरिवार कैंची धाम पहुंचते हैं। कई लोग घरों में मालपुए तैयार कर बाबा को भोग लगाते हैं।
लाखों भक्तों के पहुंचने की उम्मीद
शनिवार को बाबा नीम करौरी के दर पर मत्था टेकने को लाखों भक्तों के कैंची धाम पहुंचने की उम्मीद है। कोसी घाटी से भी हजारों ग्रामीण परिवार के साथ बाबा के दरबार में पहुंचते हैं। प्रतिवर्ष 15 जून को कोसी घाटी के गांवों व बाजार के लोग घरों व दुकानों की साफ सफाई कर सुबह से ही धाम पहुंचने लगते हैं। हमेशा ही उत्सव जैसा माहौल बन जाता है।
छोटे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी कैंची धाम पहुंचकर बाबा के दर पर शीश झुकाते हैं। बाबा के धाम में महाप्रसाद के तौर पर बांटे जाने वाले मालपुए भी लोग अपने घरों में तैयार कर बाबा को भोग लगाते हैं। किसी कारणवश यदि परिवार का कोई सदस्य कैंची धाम नहीं पहुंच पाता तो उसके लिए मालपुए का महाप्रसाद घर लाया जाता है।
शुक्रवार शाम से ही लोग कैंची धाम जाने की तैयारियों में जुट गए थे। कुछ लोगों ने बकायदा मध्य रात्रि ही कैंची पहुंचकर मुख्य गेट पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे मंदिर में प्रवेश कर बाबा के दर पर शीश झुकाया।

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