International Tiger Day 2025: देश में बाघों के मामले में कार्बेट टाइगर रिजर्व टॉप पर, दुनिया में CTR की अलग पहचान
International Tiger Day 2025 कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या में देश में शीर्ष पर है। रूस से शुरू हुई बाघ बचाने की मुहिम स्थानीय लोगों की भागीदारी और कुशल प्रबंधन से यह संभव हुआ। हर साल 29 जुलाई को ग्लोबल टाइगर डे मनाया जाता है। बाघों की संख्या बढ़ने से मानव-वन्यजीव संघर्ष भी बढ़ा है। उत्तराखंड में बाघों का घनत्व सबसे अधिक है।

जागरण संवाददाता, रामनगरय़ देश भर में बाघों के मामले में 58 टाइगर रिजर्व में कार्बेट टाइगर रिजर्व शीर्ष पर है। जिस वजह से आज देश व दुनिया में कार्बेट टाइगर रिजर्व की अपनी अलग पहचान है।
यह पहचान सीटीआर को स्थानीय जनसहभागिता बढ़ाने, कुशल प्रबंधन एवं भारत व राज्य सरकार के प्रयासों की वजह से तो मिली ही है। लेकिन इसमें एक बड़ा योगदान रूस से शुरू हुई बाघ बचाने की मुहिम का भी है। संयुक्त प्रयासों से सीटीआर के जंगलों में बाघों की गर्जना बढ़ती गई।
दुनिया में बाघों की संख्या कम होती संख्या पर चिंतित वर्ष 2008 में 13 टाइगर कंट्री एक मंच पर आई और बाघों को बचाने की भविष्य की रणनीति तय हुई।
पूरी मुहिम पर नजर रखने को ग्लोबल टाइगर एनिसिएटिव का गठन किया गया। इसके बाद 21 नवंबर 2010 को इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए रूस के सेंट पिट्सवर्ग में ग्लोबल टाइगर एनिसिएटिव के अंतर्गत इंटरनेशनल टाइगर फोरम का गठन हुआ।
जिसमें हर साल 29 जुलाई को ग्लोबल टाइगर डे मनाने का निर्णय लिया गया। जिसमें सरकारों ने बाघों के संरक्षण की मुहिम तेज करते हुए फडिंग की। बाघों को बचाने की जागरूकता मुहिम गांव से लेकर स्कूल तक ले जायी गई। स्थानीय लोगों व पर्यटन कारोबारियों को भी रोजगार देकर बाघों के संरक्षण की मुहिम से जोड़ा गया।
बाघ बढ़े तो चुनौतियां भी बढ़ी
रामनगर: बढ़ते मानव वन्य जीव संघर्ष की घटना भी चिंता पैदा करती है। जंगल में सांभर, चीतल अच्छी संख्या में होने के बाद भी बाघ पालतू जानवरों के आसान शिकार के लिए आबादी के नजदीक पहुंच रहे हैं। नतीजतन बाघों व मानव के बीच संघर्ष बढ़ रहा है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या
वर्ष | बाघ |
2006 | 160 |
2010 | 186 |
2014 | 215 |
2018 | 231 |
2023 | 260 |
कार्बेट का लैंडस्केप भारत ही नहीं पूरे विश्व पटल पर महत्वपूर्ण है। यहां अच्छी खासी बाघों की संख्या है। पूरे विश्व की कुल बाघों की संख्या का सात से आठ प्रतिशत कार्बेट में है। इसलिए कार्बेट महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। कई चुनौतियां भी उससे निपटने के लिए प्रयास किए जाते हैं। कार्बेट बाघों की नरसरी है। उत्तराखंड में बाघों की संख्या 560 है। ये कहीं न कहीं कार्बेट से लिंक है। उत्तराखंड छोटा राज्य है फिर भी बाघों की कुल संख्या का घनत्व देखे तो हमारा राज्य सर्वोच्च है।उत्तराखंड ने देश व ग्लोबल टाइगर की मुहिम में हमने महत्वपूर्ण रोल प्ले किया है।
डॉ साकेत बडोला, निदेशक कार्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर
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