Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंडिया और थाइलैंड साथ मिलकर करेंगे पृथ्‍वी जैसे जीवन योग्‍य ग्रह की तलाश nainital news

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 03 Mar 2020 08:55 AM (IST)

    भारत-थाईलैंड का साझा शोध पृथ्वी जैसे जीवन योग्य ग्रहों की खोज करेगा। दोनों देश तकनीकी सुविधाएं साझा करेंगे।

    इंडिया और थाइलैंड साथ मिलकर करेंगे पृथ्‍वी जैसे जीवन योग्‍य ग्रह की तलाश nainital news

    नैनीताल, जेएनएन : भारत-थाईलैंड का साझा शोध पृथ्वी जैसे जीवन योग्य ग्रहों की खोज करेगा। दोनों देश तकनीकी सुविधाएं साझा करेंगे। इनके अलावा दोनों देश यूरोप की तर्ज पर एशियन स्पेस नेटवर्क बनाने का प्रयास करेंगे। एरीज में एरीज व थाईलैंड के खगोलविदों की सोमवार को हुई बैठक में ब्रह्मांड की थाह पाने के लिए गहन मंथन हुआ। भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंगलुरू के वैज्ञानिक भी इसमें शामिल हुए। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जीवन योग्‍य ग्रहों की खोज साथ मिलकर करें

    एरीज सभागार में हुई बैठक में वैज्ञानिकों ने कहा कि अंतरिक्ष की अनसुलझी गुत्थियों को आपसी तालमेल से सुलझाया जा सकता है। एरीज की 3.6 व थाईलैंड की 2.4 मीटर की दूरबीनों के अलावा रेडियो व अन्य दूरबीनों का दोनों देश के वैज्ञानिक मिलकर उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान में ट्रांजिट एक्सप्लोरर सर्विस सेटेलाइट की मदद से उत्तरी व दक्षिणी गोलार्ध के तारों का अध्ययन कर ग्रहों की खोज कर सकते हैं। इस दिशा में दुनिया के सभी देश एक ही दिशा के तारों को खोज रहे हैं। भारत-थाईलैंड मिलकर दोनों दिशाओं में ग्रहों की खोज कर सकते हैं।

    एशिया के सभी देशों को होना होगा एकजुट

    बैठक में एशियन स्पेस नेटवर्क की जरूरत को ध्यान में रखकर तय किया गया कि ब्रहमांड की थाह पाने के लिए बड़े नेटवर्क का होना बेहद जरूरी है। इसके लिए एशिया के सभी देशों को एकजुट होना होगा। इस दिशा में अभी से कवायद शुरू कर दी जाए तो जल्द ही सार्थक परिणाम सामने आएंगे। एरीज के पूर्व निदेशक प्रो. रामसागर ने कहा कि दो दशक पूर्व जो कल्पना उन्होंने की थी, वह अब यथार्थ में परिवर्तित होती दिख रही है। इसी मकसद को लेकर एरीज ने एशिया की सबसे बढ़ी दूरबीन स्थापित की। इस सुविधा से अंतरिक्ष में आगे बढऩे की राह आसान होने लगेगी। इसके परिणाम स्वरूप दो देशों के बीच हुई संगोष्ठी है। उन्होंने भविष्य में स्थापित की जाने उपकरणों के बारे में भी जानकारी दी।

    बैठक के दौरान एरीज में ये रहे मौजूद

    इस अवसर पर एरीज की दूरबीन में कोरोनाग्राफ जैसे अत्याधुनिक कई उपकरण जोड़े जाने पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। वैज्ञानिक संतोष जोशी ने सभी वैज्ञानिकों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर थाईलैंड के वैज्ञानिक डॉ. डेविड मारकट्रियन, डॉ. खेमसियानल गुणथ्रीकत, डॉ. रामकेश यादव, आईआईए बंगलुरू की प्रो. अरुणा गोस्वामी, डीएसबी परिसर के प्रो. हरीश चंद चंदोला, डॉ. रमेश चंद्रा, एरीज के डॉ. बृजेश कुमार, डॉ. एसबी पांडे, डॉ. सौरभ, डॉ. नरेंद्र सिंह, डॉ. उमेश दुम्का समेत अन्य वैज्ञानिक मौजूद थे।

    यह भी पढ़ें : सूखाताल में अतिक्रमण कर बनाए भवन होंगे ध्वस्त, 34 लोगों काे नोटिस जारी 

    यह भी पढ़ें : 10 लाख फॉलोअर्स के साथ टिक-टॉक पर धूम मचा रही पिथौरागढ़ की बेटी भावना चुफाल