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    बाघ और हाथियों की अप्राकृतिक मौत से हाईकोर्ट चिंतित

    By BhanuEdited By:
    Updated: Thu, 21 Dec 2017 10:41 PM (IST)

    हाई कोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क व राजाजी नेशनल पार्क में बाघ व हाथियों की अप्राकृतिक मौत पर चिंता जताई। साथ ही सरकार को टाइगर व एलीफेंट प्रोटक्शन फोर्स बनाने के निर्देश दिए।

    बाघ और हाथियों की अप्राकृतिक मौत से हाईकोर्ट चिंतित

    नैनीताल, [किशोर जोशी]: हाई कोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क व राजाजी नेशनल पार्क में बाघ व हाथियों की अप्राकृतिक मौत पर गहरी चिंता जताते हुए राज्य सरकार से तीन माह के भीतर टाइगर व एलीफेंट प्रोटक्शन फोर्स बनाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इस पर सहमति भी जताई है। कोर्ट ने वन्य जीवों की अप्राकृतिक मौत रोकने के लिए स्टाफ बढ़ाने तथा कोसी नदी क्षेत्र समेत ढिकुली, धनगढ़ी से अतिक्रमण हटाने व अवैध तरीके से बसे लोगों का पुनर्वास करने को कहा है। कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर नेशनल पार्कों में जाने वालों को पानी की सिर्फ दो बोतल ले जाने की अनुमति प्रदान की है।

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    केदारनाथ से संबंधित मामले में हाई कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी अहम दिशा-निर्देश दिए हैं। पोर्ट ने पार्क क्षेत्र में नियमित गश्त बढ़ाने, बाघ व हाथियों व अन्य वन्य जीवों के अवैध शिकार को रोकने के लिए वन कर्मियों को ऑटोमेटेड हथियार देने की पैरवी की है। 

    साथ ही उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार वन विभाग को हथियारों से संबंधित नियमों को अपग्रेड करने की अनुमति प्रदान करेगी और साथ ही कहा है कि पार्क क्षेत्र से होने वाली आय का प्रयोग अन्य गतिविधियों में करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

    पानी की सिर्फ दो बोतल ले जा सकेंगे सैलानी

    हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ किया है कि राजाजी पार्क, कॉर्बेट नेशनल पार्क, फूलों की घाटी में जाने वाले सैलानी पानी के मात्र दो बोतल ले जा सकेंगे और उन्हें वापस लौटने पर बोतलें स्टाफ को लौटानी होंगी। स्टाफ की जिम्मेदारी है कि वह उसका निस्तारण करें।

    नदियों में सीवर डालने वाले भवनों को सील करें

    खंडपीठ ने सभी जिलाधिकारियों से प्रदेश में होटल, उद्योग, व्यावसायिक संस्थान, आश्रम, डेरा आदि का दो सप्ताह में निरीक्षण कर यह पता लगाएं कि इनका सीवरनदी में तो नहीं जा रहा है। यदि सीवर नदी में जा रहा है तो संबंधित भवन को सील करने के साथ ही उसकी बिजली पानी काटी जाए। 

    सरकार ने कहा कि इस संबंध में पेयजल निगम को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। यह भी बताया कि चार धाम व हेमकुंड में सीवर का ट्रीटमेंट नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया जाएगा।

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