ट्रांसजेंडर से रेप मामले में हाई कोर्ट ने विवेचक को किया तलब
हाई कोर्ट ने ट्रांसजेंडर से रेप मामले में सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं करने पर सख्त रवैया अपनाया है। कोर्ट ने मामले के विवेचक को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने ट्रांसजेंडर से रेप मामले में सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं करने पर सख्त रवैया अपनाया है। कोर्ट ने मामले के विवेचक को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, शिकायतकर्ता लिंग परिवर्तन कर लड़की बनी है। वह मुंबई में अधिवक्ता है। वहां एक दोस्त से उसका प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया। आरोप है कि दोस्त ने कोटद्वार में नशीला पदार्थ खिलाकर उसका रेप किया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर धारा-377 के तहत केस दर्ज किया तो ट्रांसजेंडर ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी। कहा कि मामला 376 के तहत दर्ज होना चाहिए। पुलिस के मामले में कार्रवाई नहीं करने पर पीडि़ता ने न्याय के लिए हाई कोर्ट में गुहार लगाई है। पूर्व में कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे।
सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई, मगर सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद विवेचक को 27 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। यहां उल्लेखनीय है कि इस मामले में कोटद्वार पुलिस तीन बार विवेचक बदल चुकी है। हाई कोर्ट ने यौन उत्पीडऩ के मामले में सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है । न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में चर्चित मामले की सुनवाई हुई।
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