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    प्राग फार्म में 556 पेड़ काटने पर हाई कोर्ट सख्त व मंदिर की भूमि पर बरातघर बनाने पर रोका

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 27 Apr 2019 07:19 PM (IST)

    हाई कोर्ट ने ऊधमसिंह नगर जिले के प्राग फार्म में 556 पेड़ काटने के मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए सरकार को मंगलवार तक स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं।

    प्राग फार्म में 556 पेड़ काटने पर हाई कोर्ट सख्त व मंदिर की भूमि पर बरातघर बनाने पर रोका

    नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने ऊधमसिंह नगर जिले के प्राग फार्म में 556 पेड़ काटने के मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए सरकार को मंगलवार तक स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में राघव नगर निवासी जितेश राय की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अनुसार प्राग फार्म में ग्राम प्रधान व मालकिन मीनाक्षी अग्रवाल ने मिलीभगत कर 556 पेड़ कटवा दिए। सरकार की भूमि पर प्लाटिंग की जा रही है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रशासन से की थी। पिछले साल 24 अप्रैल को राजस्व उपनिरीक्षक ने स्थलीय निरीक्षण भी किया था। निरीक्षण में कोई पेड़ नहीं मिला। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के बाद डीएम ने संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए, मगर अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। खंडपीठ ने इसे बेहद गंभीर प्रकरण मानते हुए सरकार को मंगलवार तक स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं।

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    किच्छा में शिव मंदिर की भूमि पर बरातघर बनाने पर रोक

    नैनीताल : हाई कोर्ट ने ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा में शिव मंदिर की भूमि पर बरातघर के निर्माण पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में किच्छा के दोपहरिया गांव निवासी चोखेलाल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि ग्राम सभा के शिव मंदिर जिसका खसरा नंबर-408 व 406, रकवा 2360 है, की चाहरदीवारी विधायक निधि से बनाई गई थी और खाली पड़ी भूमि पेड़ लगाने के लिए सुरक्षित रखी गई थी, मगर ग्राम प्रधान इस भूमि पर बरातघर बनवा रहे हैं। 28 जनवरी को ग्रामीणों ने इसकी शिकायत डीएम ऊधमसिंह नगर से की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद बरातघर के निर्माण पर रोक लगाते हुए सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

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