Uttarakhand:अनियमितता पर हाई कोर्ट ने हज कमेटी पिरान कलियर व वक्फ बोर्ड को भेजा नोटिस, 17 अप्रैल तक मांगा जवाब
याचिका में कहा गया है कि हज कमेटी ने हज यात्रा के दौरान अनियमितता बरती है। यात्रा के दौरान यात्रियों की देखरेख के लिए कमेटी की ओर से हर जहाज में एक कर्मचारी रहता है। हज कमेटी ने एक अयोग्य कर्मचारी को इसके लिए नियुक्त कर दिया।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : Nainital High Court: हाई कोर्ट ने वर्ष 2019 में हज यात्रियों की देखरेख के लिए भेजे गए तदर्थ नियुक्त अयोग्य कर्मचारी व हज कमेटी की अनियमितताओं के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने हज कमेटी पिरान कलियर (Haj Committee Piran Kaliyar), वक्फ बोर्ड देहरादून (Waqf Board Dehradun) और वक्फ इंस्पेक्टर मोहम्मद अली को नोटिस जारी कर 17 अप्रैल 2023 तक जवाब पेश करने को कहा है।
याचिकाकर्ता ने लगाया है ये आरोप
सोमवार को हरिद्वार निवासी तोसिफ की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि हज यात्रियों की देखरेख के लिए प्रत्येक हवाई जहाज में एक सरकारी कर्मचारी हज कमेटी की ओर से भेजा जाता है। जिसका खर्च सरकार खुद वहन करती है। 2019 में कमेटी ने एक तदर्थ नियुक्त अयोग्य कर्मचारी को हज यात्रियों की देखरेख करने के लिए भेज दिया।
- यही नहीं, कमेटी ने हज जाने के लिए नोटिफिकेशन पहली जनवरी 2019 को निकाला और उसे जाने की अनुमति 28 दिसंबर 2018 को दे गई। जबकि हज यात्रियों की देखरेख के लिए सरकारी कर्मचारी का होना आवश्यक है। याचिका में कहा गया है कि कमेटी ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। मामले की जांच कर वसूली की जाय।
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