हाई कोर्ट भी गौलापार में ही बनने की है संभावना, सुनियोजित विकास के लिए प्रशासन ने किया सर्वे
हाई कोर्ट हल्द्वानी में शिफ्ट करने के कैबिनेट के निर्णय के बाद गौलापार में बनने की संभावनाएं प्रबल होती जा रही हैं। इसके लिए जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। फिलहाल प्राथमिक स्तर का सर्वे भी पूरा कर लिया गया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जब से कैबिनेट में हाई कोर्ट को हल्द्वानी में शिफ्ट करने का निर्णय हुआ तभी से गौलापार में इसके बनने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। अब आगे सबसे अधिक चुनौती इस क्षेत्र के सुनियोजित विकास की है। फिलहाल इसके लिए प्राथमिक स्तर का सर्वे भी पूरा कर लिया गया है।
शासन ने सर्वे के लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को निर्देशित किया था। इसके लिए डीएम ने जिला विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी ने गौलापार के क्षेत्र का पूरा सर्वे किया। उस क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़कों से लेकर अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता का आकलन किया। गौला नदी से दूरी के साथ ही खेती व अन्य स्थितियों पर भी रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट को जिलाधिकारी के जरिये शासन को भेज दी गई है। सचिव ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट जमा कर दी है।
हल्द्वानी में अनियोजित विकास
हल्द्वानी में अनियोजित विकास का ही परिणाम है कि गलियां तंग हैं। मनमाने तरीके से निर्माण हुआ है। बड़े-बड़े माल, काम्प्लैक्स, अस्पताल, स्कूल आदि भवन बन गए, लेकिन पार्किंग तक की सुविधा नहीं है। बिल्डर्स ने भी मनमाने तरीके से जमीनें बेचीं। इसका नतीजा यह है कि हर समय जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। अराजकता जैसी स्थिति रहती है।
गौलापार में बसेगी स्मार्ट हल्द्वानी
कई बार प्रशासन व पुलिस भी जाम की स्थिति को संभालने में नाकाम रहती है। अब लोगों को उम्मीद है कि गौलापार में इस तरह की स्थिति नहीं हेागी। इसके ग्रेटर हल्द्वानी के रूप में विकसित किया जाएग। डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि प्राथमिक सर्वे करा लिया गया है। इसके बाद शासन से जो भी निर्देश मिलेंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सुनियोजित तरीके से विकास किया जाएगा।
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