नैनीताल हाई कोर्ट ने कहा, रामनगर में बंद पड़े स्लाटर हाउस को खाेलने का निर्णय लें जिलाधिकारी
नैनीताल हाईकोर्ट ने रामनगर में बंद स्लाटर हाउस को फिर से खोलने के मामले में जिलाधिकारी को फैसला लेने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता ने स्लाटर हाउस को बिना कारण बंद करने का आरोप लगाया था, जबकि नगरपालिका का कहना है कि स्लाटर हाउस सभी मानकों को पूरा करता है। कोर्ट ने जिलाधिकारी को रामनगर नगरपालिका की रिपोर्ट पर निर्णय लेने का आदेश दिया है, जिससे स्लाटर हाउस के खुलने का रास्ता साफ हो गया है।

नैनीताल हाई कोर्ट।
जासं, नैनीताल: हाई कोर्ट ने रामनगर नैनीताल में बंद पड़े स्लाटर हाउस को फिर से संचालित करने के मामले पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी नैनीताल को नगरपालिका रामनगर की ओर से भेजी रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद रामनगर में बंद पड़े स्लाटर हाउस के खुलने का रास्ता खुल गया है।
सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में रामनगर निवासी अनश कुरैशी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि रामनगर नैनीताल में स्थित स्लाटर हाउस को जिलाधिकारी के आदेश पर अकारण बंद कर दिया गया है जबकि स्लाटर हाउस स्लाटर मानकों को पूर्ण करता है।
स्लाटर हाउस की वैधता मार्च 2026 तक है। इसके बंद होने के बाद ट्रांसपोर्टर बाहरी जिलों सहित उत्तर प्रदेश के जिलों से रामनगर में मांस की आपूर्ति कर रहे हैं, इस वजह से स्थानीय लोगों को ताजा मांस भी नही मिल पा रहा है।
यही नही मांस की कीमत दो-तीन गुना तक बढ़ गई हैं। जिसका खामियाजा स्थानीय कारोबारियों व मांसाहारी को भुगतना पड़ रहा है। याचिका में कोर्ट से बंद स्लाटर हाउस को खोलने की अनुमति नगर पालिका को देने की प्रार्थना की गई है।
इस दौरान पालिका की ओर से कहा गया कि स्लाटर हाउस वैध तरीके से चल रहा है। पीसीबी के मानकों को भी पूरा करता है, जुलाई 2025 में इसकी रिपोर्टर जिलाधिकारी को भेजी गई थी लेकिन अब तक निर्णय नहीं हुआ लेकिन स्लाटर हाउस बंद करने के निर्देश जारी कर दिए। इसके बंद होने से
बाहरी जिलों के मांसाहारी कारोबारी सक्रिय होने के साथ ही अवैध रूप से मांस की सप्लाई कर रहे हैं, जिसकी वजह से कई घटनाएं अभी तक घट चुकी है, इसलिए स्लाटर हाउस को खाेलने की अनुमति प्रदान की जाए।
यह भी पढ़ें- सामूहिक दुष्कर्म दोषी तस्लीम की पैरोल मंजूर, दिल्ली हाई कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दी रिहाई
यह भी पढ़ें- नैनीताल हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की अधिसूचना को किया था रद, राज्य गठन के बाद 25 बड़े फैसले

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।