Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सामूहिक दुष्कर्म दोषी तस्लीम की पैरोल मंजूर, दिल्ली हाई कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दी रिहाई

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 11:36 PM (IST)

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म के दोषी तस्लीम को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह फैसला सुनाया। अदालत ने तस्लीम की पैरोल याचिका को स्वीकार करते हुए उसे कुछ शर्तों के साथ रिहा करने की अनुमति दी है। यह निर्णय मानवीय आधार पर लिया गया है।

    Hero Image

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म के दोषी तस्लीम को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने रविवार को सामूहिक दुष्कर्म के दोषी तस्लीम की पैरोल अर्जी पर विशेष सुनवाई की। तस्लीम की बहन का रविवार सुबह निधन हो गया था। इसके बाद पैरोल अर्जी सुबह 10 बजे न्यायमूर्ति संजीव नरूला की कोर्ट मास्टर के समक्ष पेश की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई की। तस्लीम की अर्जी और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद कोर्ट ने 55 वर्षीय तस्लीम की तत्काल रिहाई का आदेश दिया। इससे पहले, कोर्ट ने तस्लीम को 7 नवंबर को एक दिन की कस्टडी पैरोल दी थी ताकि वह सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच अपनी बीमार बहन से मिल सके।

    8 अक्टूबर को कोर्ट ने मामले को लापरवाही से निपटाने के लिए सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के गृह सचिव और जेल महानिदेशक को भी 24 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था।

    तस्लीम की 60 वर्षीय बहन, जो फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थी, लंबे समय से ऑक्सीजन थेरेपी पर थी। उसे 6 नवंबर को आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया था। तस्लीम को 1997 में एक महिला के सामूहिक बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 1999 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 2015 में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने सजा के खिलाफ उसकी अपील खारिज कर दी थी।