Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड में हाई कोर्ट ने हटाई भर्ती पर रोक, दो हजार पुलिस पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 12:07 PM (IST)

    नैनीताल हाई कोर्ट ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर लगी अंतरिम रोक हटा दी है, जिससे राज्य में दो हजार पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो ...और पढ़ें

    Hero Image

    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नैनीताल: हाई कोर्ट ने पुलिस-पीएसी-आइआरबी भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट देने से संबंधित याचिका का निस्तारण करते हुए कोर्ट की इस मामले में कोर्ट की ओर से चयन प्रक्रिया पर लगाई अंतरिम रोक को भी हटा दिया। कोर्ट के इस निर्णय के बाद राज्य में करीब दो हजार पदों की पुलिस भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देेन का रास्ता साफ हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोर्ट ने साफ किया कि चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और राज्य सरकार को आयु सीमा पर छूट की मांग पर विचार करने को कहने से कोई लाभ नहीं होगा, आयु सीमा में छूट दी भी जाती है तो तो भी ऐसे अभ्यर्थी योग्य नहीं होंगे।

    जिन्होंने विज्ञापन में बताई गई ऊपरी आयु सीमा पार कर ली है, ऐसे में कोर्ट का इस मामले में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं नजर आता।वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने चमोली निवासी रोशन सिंह व अन्य की ओर से दायर याचिका याचिका का निस्तारण करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया है।

    याचिका में कहा गया था कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 20 अक्टूबर 2024 को पुलिस-पीएसी, आइआरबी के करीब दो हजार पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। विज्ञप्ति में 1550 नए पद और 2021-22, 2022-23 के रिक्त 450 रिक्त पदों को भी भी शामिल किया है। भर्ती नहीं होने के कारण उनकी उम्र अधिक हो गयी है, इसलिए आयु सीमा में छूट दी जाय।

    चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद राहतें नहीं दी जा सकतीं

    नैनीताल: कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयु सीमा में छूट से संबंधित राहत नहीं दी जा सकती।
    याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि राज्य बनने के बाद कांस्टेबल के रूप में नियुक्ति के लिए चयन मात्र दो बार 2014 और 2021 में हुई थी, यह तीसरी बार चयन प्रक्रिया की जा रही है।
    विज्ञापन के अनुसार, केवल 18 से 22 वर्ष की आयु का व्यक्ति ही योग्य होगा। याचिकाकर्ताओं ने ऊपरी आयु सीमा पार कर ली है, इसलिए वे आवेदन करने के योग्य नहीं हैं।

    सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत व प्रदीप हेड़िया ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने न तो विज्ञापन और ना ही उस कट-ऑफ डेट को चुनौती दी है। ऊपरी आयु सीमा में छूट देने के लिए निर्देश मोंगे हैं, लेकिन अब जब चयन प्रक्रिया खत्म हो गई है और केवल चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाने बाकी हैं, तो याचिकाकर्ताओं को मांगी गई राहतें नहीं दी जा सकतीं।

    नियमों में छूट देने की शक्ति राज्य सरकार के पास है और सिविल पुलिस, पीएसी और आइआरबी में कांस्टेबलों की भारी कमी है। 2027 में हरिद्वार में कुंभ मेला होने वाला है, जिसके लिए अतिरिक्त फोर्स की जरूरत है, कोर्ट के अंतरिम आदेश जारी रहने के कारण सरकार चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेज पा रही है। नियुक्ति के बाद, चुने गए उम्मीदवारों को एक साल के प्रशिक्षण से गुजरना होगा, लिहाजा कोर्ट के पूर्व के परिणाम घोषित करने के विरुद्ध पारित रोक आदेश को रद किया जाए।

    राज्य सरकार आयु सीमा तय करने को स्वतंत्र

    नैनीताल: एकलपीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि राज्य सरकार, एक नियोक्ता के तौर पर सार्वजनिक पद पर नियुक्ति के लिए आयु सीमा तय करने के लिए स्वतंत्र है। सरकार के निर्णय को याचिकाकर्ताओं ने चुनौती नहीं दी है।

    राज्य सरकार की ओर से भेजे गए अनुरोध के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने रिक्तियों का विज्ञापन दिया और विज्ञापन में भी पात्रता शर्तें बताई गई हैं,ऐसे में चयन प्रक्रिया में सिर्फ इसलिए दखल नहीं दिया जा सकता क्योंकि सरकारी नीति के अनुसार प्रतिवर्ष चयन नहीं हुआ।