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    हाई कोर्ट ने निकायों में गांवों को मिलाने के नोटिफिकेशन को किया निरस्त

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sun, 11 Mar 2018 08:50 AM (IST)

    हाईकोर्ट ने निकायों में गांवों को मिलाने से संबंधित नोटिफिकेशन निरस्त कर दिया। साथ ही नया नोटिफिकेशन जारी कर गांवों को सुनवाई का मौका देने के निर्देश दिए हैं।

    हाई कोर्ट ने निकायों में गांवों को मिलाने के नोटिफिकेशन को किया निरस्त

    नैनीताल, [जेएनएन]: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए स्थानीय निकायों के सीमा विस्तार की अधिसूचना और शासनादेशों को निरस्त कर दिया। साथ ही सरकार को 48 घंटे के भीतर फिर से आपत्तियां मांग कर सप्ताहभर में सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने महाधिवक्ता से यह भी सवाल किया कि निकायों के परिसीमन के वक्त ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को सुनवाई का मौका क्यों नहीं दिया गया। इधर, राज्य सरकार के प्रवक्ता शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान किया जाएगा।हाईकोर्ट के इस फैसले के चलते राज्य में अप्रैल में प्रस्तावित निकाय चुनावों को लेकर तस्वीर और धुंधली हो गई है। सरकार अगले महीने चुनाव कराने की तैयारियों में जुटी थी। सप्ताहभर के भीतर हाईकोर्ट का राज्य सरकार को यह दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले अदालत राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में दस फीसद आरक्षण को असंवैधानिक करार दे चुकी की है।

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    शुक्रवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने निकायों के सीमा विस्तार को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं का निपटारा करते हुए राज्य सरकार के स्तर से जारी अधिसूचना रद करने का आदेश पारित किया। इससे पहले महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने एकल पीठ को बताया कि सरकार याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का मौका देने को तैयार है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सरकार को 48 घंटे के भीतर नई अधिसूचना जारी कर फिर से निकायों के सीमा विस्तार पर आपत्तियां मांगने का आदेश दिया है।

    याचिकाकर्ताओं के तर्क

    याचिकाकर्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार ने सुनवाई का मौका दिए बगैर ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निकायों में शामिल कर दिया। यही नहीं, परिसीमन की तय प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई और ग्र्राम प्रधानों पर बस्ते जमा करने का दबाव डाला जा रहा है।

    40 से अधिक याचिकाएं निस्तारित

    हल्द्वानी के ब्लाक प्रमुख भोला दत्त भट्ट, भवाली क्षेत्र के प्रधान संजय जोशी, गाम पंचायत बाबूगढ़, संघर्ष समिति कोटद्वार समेत 40 से अधिक लोगों ने सरकार के स्तर से निकायों के सीमा  विस्तार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 

    43 निकायों का किया था सीमा विस्तार

    राज्य सरकार ने प्रदेश में पिछले दिनों कुल 43 नगर निकायों को सीमा विस्तार किया था। इनमें से करीब दो दर्जन निकायों के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण सीमा विस्तार का विरोध कर रहे हैं। 

    शहरी विकास मंत्री एवं प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। 48 घंटे में नया विज्ञापन प्रकाशित कर आपत्तियां सुनी जाएंगी, सरकार को इसमें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। शनिवार को इस संबंध में एक बैठक बुलाई गई है, इसमें तमाम बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। साथ ही यह भी अध्ययन किया जाएगा कि कोर्ट के इस फैसले का निकाय चुनावों पर क्या असर पड़ेगा। राज्य निर्वाचन आयोग से भी इस संबंध में बात की जाएगी।

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