हाईकोर्ट ने आइआइटी रुड़की में मृतक आश्रित के रूप में कार्यरत तृतीय श्रेणी कर्मियों काे दी राहत
हाईकोर्ट ने आइआइटी रुड़की में मृतक आश्रित के रूप में तृतीय श्रेणी टेक्निकल स्टाफ के पद पर कार्यरत याचिकाकर्ताओं को नियमित नियुक्ति होने तक काम करने देने को कहा है।
नैनीताल, जेएनएन । हाईकोर्ट ने आइआइटी रुड़की में मृतक आश्रित के रूप में तृतीय श्रेणी टेक्निकल स्टाफ के पद पर कार्यरत याचिकाकर्ताओं को नियमित नियुक्ति होने तक काम करने देने को कहा है। साथ ही न्यायालय ने 2002 की पॉलिसी के तहत याचिकाकर्ताओं को नियमित करने पर विचार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। आईआईटी रूडकी ने हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दायर कर एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी थी। एकलपीठ ने कहा था कि जब तक नियमित नियुक्ति नहीं होती तब तक इनको कार्य करने दिया जाए। पूर्व में एकलपीठ के समक्ष रूडकी निवासी प्रियमवदा शर्मा, संजय सिंह रावत सहित 13 अन्य ने याचिका दायर कर कहा था कि वे आईआईटी रूडकी में मृतक आश्रित के रूप मेें तृतीय श्रेणी टेक्निकल स्टाफ के पद पर कार्यरत है। वे पिछले चार-पांच वर्षों से कार्य कर रहे है। उनकी नियुक्ति तदर्थ हे जो हर वर्ष उनके कार्यकाल को बढाया जाता है लेकिन उनका कार्यकाल अब नहीं बढाया जा रहा है। जिसे याचिकाकर्ता ने चुनौती दी थी। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि जब तक नियमित नियुक्ति नहीं होती तब तक याचिकाकर्ताओं को कार्य करने दिया जाए। इस आदेश को हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष आईआईटी रूडकी ने चुनौती दी थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आईआईटी रूडकी में मृतक आश्रित के रूप मेें तृतीय श्रेणी टेक्निकल स्टाफ के पद पर कार्यरत याचिकाकर्ताओं के मामले में कहा है कि जब तक नियमित नियुक्ति नहीं होती है तब तक याचिकाकर्ताओं को कार्य करने दिया जाए।
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