पौड़ी के मैनेजमेंट कॉलेजों में नियुक्ति को लेकर हुए स्टिंग मामले में हाईकोर्ट ने थमाया नोटिस
हाई कोर्ट ने पौड़ी गढ़वाल जिले में सितंबर 2018 में जारी कथित स्टिंग प्रकरण की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नोटिस जार किया।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने पौड़ी गढ़वाल जिले में सितंबर 2018 में जारी कथित स्टिंग प्रकरण की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए उन्हें नोटिस जारी किए हैं। साथ ही तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
पौड़ी निवासी पुष्कर सिंह ने दायर की है याचिका
मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में पौड़ी निवासी पुष्कर सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि सितंबर 2018 में पौड़ी गढ़वाल के तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों का कथित स्टिंग जारी हुआ था, जिसमें वे मैनेजमेंट कॉलेज में अपने संबंधी की नियुक्ति करने व घूस लेने की वार्ता कर रहे हैं। एक वीडयो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। साथ ही कुछ अखबारों ने भी इसे प्रकाशित किया था। इस मामले की जांच के लिए उच्चाधिकारियों से प्रार्थना पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस कारण यह जनहित याचिका दायर की गई।
इन्हें बनाया गया है पक्षकार
इस मामले में गुरुवार को याचिकाकर्ता ने तत्कालीन शिक्षा अधिकारियों को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। पक्षकारों में तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत व जिला शिक्षा अधिकारी हरे राम यादव, प्रबंधक उच्च माध्यमिक विद्यालय कोटगड़ पौड़ी, मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पटल सहायक अनिल नेगी शामिल हैं। पक्षकारों को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। याचिका में आरोप लगाया कि इस कॉलेज में नियुक्ति के नाम पर भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। नियुक्ति व नियुक्तियों के अनुमोदन में पैसे का लेनदेन चला। याचिका में इन अधिकारियों की जांच करने व दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
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