हाई कोर्ट ने सरकार को गंगा-यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के दिए निर्देश
उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने गंगा और यमुना नदी में प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को पानी शुद्ध बनाने के लिए उचित कदम उठाने के आदेश दिए।
नैनीताल, जेएनएन । उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने गंगा और यमुना नदी में प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को पानी शुद्ध बनाने के लिए उचित कदम उठाने के आदेश दिए।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खण्डपीठ ने इस संबंध में दिल्ली के अजय गौतम की जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में शपथपत्र पेश किया। बताय कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनकीरेती, तपोवन, रुद्रप्रयाग,श्रीनगर, बद्रीनाथ,केदारनाथ सहित कई स्थानों पर सीवर प्लांट बना दिए गए।
दिल्ली निवासी अजय गौतम ने हाईकोट में पत्र भेजकर गंगा और यमुना नदी में बढ रहे प्रदूषण की शिकायत की। याचिकाकर्ता का कहना है कि गंगा व यमुना नदी पर करोड़ों हिंदुओं की आस्था है । हिंदू लोग रोज गंगा और यमुना नदी के पवित्र जल से आचमन करते हैं और मंदिरो में चढ़ाते हैं। लेकिन गंगा और यमुना का पानी आचमन योग्य नहीं रह गया है। गंगा में जगह जगह गंदगी नदी में डाली जा रही है और कई जगह सीवर का पानी भी गंगा में डाला जा रहा है। जिसके लिए सरकार को निर्देश दिए जाएं की गंगा और यमुना नदी को स्वच्छ रखने का यत्न किया जाए। ताकि इन नदियों के पानी को आचमन व अन्य कार्यो के लिए प्रयोग में लाया जा सके।
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