एनआईवीएच में छात्राओं संग दुष्कर्म मामले में हाईकोर्ट ने छह जनवरी तक स्थायी निदेशक की नियुक्ति के निर्देश
हाईकोर्ट ने राजधानी देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान (एनआईवीएच) में छात्राओं के साथ यौन शोषण के मामले में गुरुवार को सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने राजधानी देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान (एनआईवीएच) में छात्राओं के साथ यौन शोषण के मामले में गुरुवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने अब तक केंद्र सरकार के निदेशक की नियुक्ति नहीं करने पर सख्त नाराजगी जताते हुए पर छह जनवरी तक संस्थान में स्थाई डायरेक्टर नियुक्त करने को कहा है। नियमित निदेशक की नियुक्ति नहीं करने की स्थिति में केंद्रीय समाजिक कल्याण मंत्रालय को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना होगा।
साथ में कोर्ट ने जिलाधिकारी से शपथ पत्र के साथ आज तक आरोपियों के खिलाफ की गई कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है। मामले की अगली सुनवाई के लिए छह जनवरी की तिथि नियत की है । मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में इस संवेदनशील मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एनआईवीएच की तरफ से कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर कहा गया कि उनके द्वारा छोटे और बड़े बच्चों के रहने के लिए अलग अलग हॉस्टिल में की व्यवस्था की जा रही है। नौ सितम्बर को घटित घटना पर 11 सितम्बर को आरोपियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है! देहरादुन के राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न मामले हाईकोर्ट ने एक पत्र के माध्यम से स्वतः संज्ञान लिया था। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ एफआरआई दर्ज करने के आदेश दिए थे।
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